इंग्लैंड ने 2008 मुंबई टेरर अटैक के बाद क्या किया था, भारतीय क्रिकेट को वो नहीं भूलना चाहिए- गावस्कर
मुंबई आतंकी हमले के दौरान इंग्लैंड की टीम भारतीय दौरे पर थी लेकिन इसके बाद स्वदेश वापस लौट गई थी। हालांकि बाद में समझौते के मुताबिक दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेने के लिए दो महीने के बाद इंग्लैंड की टीम फिर से भारतीय दौरे पर आई थी।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत व इंग्लैंड के बीच खेला जाने वाला पांचवां टेस्ट मैच भारतीय कैंप में फैल रहे कोविड-19 महामारी की वजह से रद कर दिया गया। इसके बाद बीसीसीआइ ने इसे दोबारा आयोजित करने का प्रस्ताव ईसीबी को दिया जिसे इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने मान लिया। बीसीसीआइ के इस फैसले को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने एक सराहनीय कदम करार दिया। वहीं गावस्कर ने याद दिलाया की साल 2008 में मुंबई में जो आतंकी हमला हुआ था उसके बाद इंग्लैंड ने जो किया था उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता और भारत ने पांचवें टेस्ट को दोबारा आयोजित करवाने का प्रस्ताव देकर बिल्कुल सही किया।
आपको बता दें कि, मुंबई आतंकी हमले के दौरान इंग्लैंड की टीम भारतीय दौरे पर थी, लेकिन इसके बाद तुरंत ही स्वदेश वापस लौट गई थी। हालांकि बाद में समझौते के मुताबिक दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेने के लिए दो महीने के बाद इंग्लैंड की टीम फिर से भारतीय दौरे पर आई थी। गावस्कर ने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर बात करते हुए कहा कि, मैनचेस्टर टेस्ट मैच को दोबारा आयोजित किए जाने के फैसला पूरी तरह से ठीक है। हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि, मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद इंग्लैंड की टीम ने क्या किया था। वो दो महीने के बाद सीरीज फिर से खेलने के लिए वापस आए थे।
गावस्कर ने आगे कहा कि, 'वो चाहते तो कह सकते थे कि हम भारत में सुरक्षित महसूस नहीं करते और हम वहां खेलने नहीं जाएंगे। उस वक्त केविन पीटरसन टीम के कप्तान थे और अगर वो मना करते या फिर आने से मना करते तो बात वहीं खत्म हो जाती।' गावस्कर ने कहा कि, बीसीसीआइ और ईसीबी के बीच का जो रिश्ता है वो बेहद शानदार है और ये खुशी की बात है। यह बहुत अच्छी बात है कि बीसीसीआइ ने अपने अगले इंग्लैंड दौरे पर इस मैच को खेलने का प्रस्ताव दिया। दो बोर्डों के बीच इस तरह के रिश्ते होने चाहिए।