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भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा- यह जीत मेरे लिए विश्व कप से बड़ी उपलब्धि

विराट कोहली ने कहा कि यह मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 08:35 PM (IST)
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा- यह जीत मेरे लिए विश्व कप से बड़ी उपलब्धि

विशेष संवाददाता, सिडनी। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ऐतिहासिक जीत को अपनी 'सबसे बड़ी उपलब्धि' करार दिया। महेंद्र सिंह धौनी ने आठ साल पहले वानखेड़े में जब विश्व कप ट्रॉफी हाथ में ली थी तो कोहली उस टीम के सबसे युवा सदस्य थे, लेकिन उनके अनुसार वर्तमान उपलब्धि इस सूची में सबसे ऊपर रहेगी।

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कोहली ने मैच के बाद कहा कि यह मेरी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह सूची में सबसे ऊपर रहेगी। जब हमने विश्व कप जीता था तो मैं टीम का सबसे युवा सदस्य था। मैं देख रहा था कि अन्य खिलाड़ी भावुक हो रहे थे। इस सीरीज में जीत से हमें एक टीम के रूप में अलग पहचान मिलेगी। हमने जो हासिल किया मुझे वास्तव में उस पर गर्व है। अगर आप मुझसे पूछोगे कि मेरे लिए कौन सा क्षण भावनात्मक है तो मैं इसका जिक्र करूंगा, क्योंकि यह मेरा यहां का तीसरा दौरा है और मुझे अनुभव है कि यहां जीतना कितना मुश्किल है। इस लिहाज से यह मेरे लिए बेहद भावनात्मक है। उन्होंने कहा कि इतिहास मायने रखता है। यह निश्वित तौर पर गौरवशाली क्षण है, क्योंकि हम जानते हैं कि टीम के रूप में पिछले 12 महीनों में हम किस दौर से गुजरे हैं। हालांकि, इतिहास बदलना या नया इतिहास रचने के बारे में मैं अब भी नहीं सोच रहा हूं। हमने पिछले 12 महीनों में जो कड़ी मेहनत की उसका नतीजा पाकर बेहद संतोष हो रहा है।

यहीं से शुरू हुआ बदलाव : सिडनी में ही चार साल पहले कोहली टेस्ट टीम के स्थायी कप्तान बने थे और इसी मैदान पर उनकी टीम ने नया इतिहास रचा। भारतीय कप्तान ने कहा कि हमारे बदलाव की शुरुआत यहीं पर हुई थी जहां मैंने कप्तान पद संभाला था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि चार साल बाद हम यहां जीतने में सफल रहे। मैं केवल एक शब्द कह सकता हूं कि मुझे इस टीम की अगुआई करने में फº महसूस होता है। यह मेरे लिए सम्मान है। खिलाडि़यों के प्रयास से ही कप्तान अच्छा साबित होता है।

उन्होंने कहा, 'मैं पुजारा का विशेष जिक्र करना चाहता हूं। वह ऐसा खिलाड़ी है जो हमेशा परिस्थितियों को स्वीकार करता है। वह बहुत अच्छा इंसान है। मैं मयंक अग्रवाल का भी खास जिक्र करना चाहूंगा। बॉक्सिंग-डे पर पदार्पण करके उसने बेहतर आक्रमण के सामने शानदार पारी खेली। रिषभ पंत भी अपने अंदाज में बल्लेबाजी करके आक्रमण पर हावी रहे। हम जानते हैं कि एक बार जब बल्लेबाज अच्छे रन बना लेते हैं तो हमारे गेंदबाजों का जवाब नहीं। गेंदबाजों ने केवल इसी सीरीज में नहीं, बल्कि पिछले दो दौरों में भी जिस तरह से गेंदबाजी की वैसा मैंने भारतीय क्रिकेट में पहले कभी नहीं देखा। वे पिच को नहीं देखते और यह नहीं सोचते कि इससे उन्हें मदद नहीं मिलेगी। यह भारतीय क्रिकेट के लिए नई चीज है जो स्वदेश में अन्य गेंदबाजों के लिए भी सीख है।

यह शुरुआती प्रयास : विराट ने कहा कि यह जीत हमारे लिए शुरुआती प्रयास है। टीम की औसत उम्र काफी कम है। हमारे लिए सबसे अहम बात यह है कि हमें खुद पर भरोसा है। हमारा इरादा हमेशा अच्छा होता है और इससे भारतीय क्रिकेट आगे बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया हमेशा प्रतिस्पर्धी टीम रही। प्रत्येक टीम बदलाव के दौर से गुजरती है और उनके वर्चस्व ने विश्व क्रिकेट को इतने वर्षो तक रोमांचक बनाए रखा। मुझे विश्वास है कि वे एकजुट होकर भविष्य में रोमांचक क्रिकेट खेलेंगे। कोहली ने कहा कि यह जीत भी टीम प्रयास से ही मिली और इसमें प्रत्येक खिलाड़ी का छोटा-छोटा योगदान भी महत्वपूर्ण रहा। अगर आप मुझसे योगदान की बात करते हो तो हनुमा विहारी ने एमसीजी पर शुरू में 70 गेंदें खेलीं और यह किसी शतक या 70 या 80 रन जैसा महत्वपूर्ण है। हम इस तरह से योगदान को देखते हैं और हम केवल उसी को योगदान नहीं मानते जो कि सम्मान पट्टिका में दर्ज हो। टीम विदेशों में एक या दो टेस्ट मैच जीतने के बजाय सीरीज जीतने को लेकर बेताब थी।

तेज गेंदबाजों पर ध्यान देना होगा

कोहली ने कहा कि वह टीम के मौजूदा तेज गेंदबाजों के कामकाज के भार को कम करने के लिए तीन और गेंदबाजों को ढूंढ रहे है। जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार और इशांत शर्मा की तेज गेंदबाजी इकाई को भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ आक्रमण कहा जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया से पहले तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन दोनों दौरे पर बल्लेबाजों ने निराश किया। कोहली ने कहा कि इन गेंदबाजों का ध्यान रखना जरूरी है। खासकर उनके कामकाज के बोझ पर ध्यान देना हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ ही हमारा ध्यान तीन और गेंदबाजों पर है जो इनकी तरह तेज और बिना थके गेंदबाजी कर सकें। कुछ गेंदबाजों को अब अच्छा विश्राम चाहिए। इन खिलाडि़यों का ख्याल रखना सबसे जरूरी है, क्योंकि इनके कारण ही हम पहली बार ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीते हैं।


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