भारतीय बल्लेबाज का छलका दर्द, क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए था बड़ा टार्चर, बढ़ गई थी रन की भूख
Prithvi Shaw says staying away from cricket was big torture for me भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि क्रिकेट से दूर रहना मेरे लिए काफी कठिन था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पृथ्वी शॉ भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य हैं और वो एक शानदार बल्लेबाज हैं। अपने प्रदर्शन के बलबूते उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित भी किया है। पृथ्वी शॉ की जब टीम इंडिया में एंट्री हुई तो उन्होंने अच्छी पारियां खेली और ये जताया कि उनमें दमखम है। हालांकि बाद में वो चोटिल हो गए और फिर उन्हें कई महीनों तक टीम से दूर रहना पड़ा, लेकिन जब उनकी वापसी तय हो गई थी तब डोपिंग के लिए दोषी पाए गए और फिर उनपर प्रतिबंध लग गया। ये युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ थे और अब उनकी वापसी हो गई है।
पृथ्वी शॉ ने अब अपना दर्द बयां किया है जब डोपिंग की वजह से उनपर प्रतिबंध लगा था और उन्हें क्रिकेट से दूर रहना पड़ा था। उन्होंने कहा कि डोपिंग की वजह से लगे बैन के कारण क्रिकेट से दूर रहना उनके लिए टार्चर की तरह था, लेकिन इससे उनकी रनों की भूख बढ़ गई है। आपको बता दें कि बीसीसीआइ ने पिछले साल 20 वर्ष के इस बल्लेबाज पर 15 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया था । उन्होंने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर लिया था जो आम तौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है ।
पृथ्वी शॉ ने आइपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के इंस्टाग्राम लाइव सत्र में कहा कि वह गलती थी । क्रिकेट से दूर रहने का जो समय था वो एक प्रताड़ना की तरह था। उन्होंने कहा कि शक और सवाल पैदा होते हैं लेकिन मैने विश्वास बनाये रखा । मैने कुछ समय लंदन में बिताया जहां अपनी फिटनेस पर काम किया । प्रतिबंध पूरा होने पर मैने घरेलू क्रिकेट में वापसी की और मेरी रनों की भूख बढ गई थी।
उन्होंने कहा कि मैनें बल्ला उठाया तो अहसास हुआ कि मेरी लय खोई नहीं है। कोरोना वायरस महामारी के बीच मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर उन्होंने कहा कि धैर्य बनाये रखना जरूरी है । उन्होंने कहा कि हममें से ज्यादातर के पास धैर्य नहीं है । इस पर काम करना होगा और हर किसी को ये जानने की कोशिश करनी होगी कि उसे क्या पसंद है और उसमें परिपक्वता लानी होगी । इससे अधिक संयमित होने में मदद मिलेगी ।