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Ind vs WI: 'टी 20 सीरीज में वेस्टइंडीज की तुलना में भारत ने कहीं बेहतर प्रदर्शन किया'

भारत ने वेस्टइंडीज की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया जिन्हें हाल के दिनों में परिस्थितियों के अनुसार अपनी योजना को पूरा करना मुश्किल हुआ है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 08:14 PM (IST)
Ind vs WI: 'टी 20 सीरीज में वेस्टइंडीज की तुलना में भारत ने कहीं बेहतर प्रदर्शन किया'

(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)। ज्यादातर क्रिकेट प्रेमियों की तरह मैंने भी टी-20 में रोमांचक मुकाबले की उम्मीद जताई थी, लेकिन यह काफी हद तक एकतरफा रहा, क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में भारत ने राज किया। भारत ने वेस्टइंडीज की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया, जिन्हें हाल के दिनों में परिस्थितियों के अनुसार अपनी योजना को पूरा करना मुश्किल हुआ है।

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तीनों मैचों के लिए पिचें बिलकुल सपाट नहीं थीं और शॉट खेलने के लिए अनुकूल थीं। इसका मतलब था कि कैरेबियाई टीम को अपने प्राकृतिक स्वभाव पर लगाम लगाना पड़ा। भारत से ठीक विपरीत उसके पास विवेक का अभाव था, जिसकी व्यापक पुष्टि 3-0 की स्कोर लाइन करती है।

मुझे सबसे ज्यादा खुशी भारत के युवा, कम अनुभवी खिलाडि़यों की सफलता, विशेषकर गेंदबाजी विभाग को देखकर हुई। मैन ऑफ द मैच पुरस्कार नवदीप सैनी, क्रुणाल पांड्या और दीपक चाहर को दिए गए, जो भारतीय प्रणाली के लिए वसीयत की तरह है जिससे खिलाडि़यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की कड़ी चुनौतियों के लिए तैयार करता है। सबसे खुशी की बात यह है कि इन खिलाडि़यों ने खुद पर विश्वास किया और अपनी ताकत से खेले। सैनी एक तेज गति के गेंदबाज हैं और ठीक उसी तरह से उन्होंने गेंदबाजी की।

चाहर स्विंग के माहिर गेंदबाज हैं और तीसरे मैच में उनकी सफलता स्विंग की वजह से ही देखने को मिली। हार्दिक पांड्या मौजूदा दौर के चालाक गेंदबाज हैं, जो अपने बल-बूते मैच को पक्ष में करने के बारे में सोचने में सक्षम हैं। मैं उन्हें 50 ओवरों की क्रिकेट में और अधिक अवसर मिलते देखना चाहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि वह छठे क्रम पर सही विकल्प साबित हो सकते हैं और 10 ओवरों का कोटा भी पूरा कर सकते हैं।

जसप्रीत बुमराह या भुवनेश्वर कुमार पर हर समय भरोसा करना उचित या बुद्धिमानी नहीं है। इस सीरीज ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पास गेंदबाजी में कई अन्य हथियार हैं। लेकिन इन खिलाडि़यों को अधिक खेल खेलने की आवश्यकता है, ताकि वे अपनी भूमिकाओं को समझ सकें और सहज बन सकें।

अन्य युवा खिलाडि़यों में रिषभ पंत भी हैं जो शाबाशी के हकदार हैं। आप उम्मीद करते हैं कि रोहित और विराट रन बनाएंगे, लेकिन पंत ने अपनी पहले की गलतियों से सीख ली और अंतिम मुकाबले में बहुत ही परिपक्वता दिखाई। हालांकि उन्होंने फिर भी अपना बेधड़क खेल दिखाया लेकिन उन्होंने अच्छी क्रिकेट खेली और अपने मजबूत आयाम पर भरोसा करते हुए जोखिम को कम किया। सीखने की इच्छा, बेहतर करने की इच्छा और प्रदर्शन करने की भूख, ये वह चीजें हैं जो आप युवाओं में देखना चाहते हैं। भारतीय क्रिकेट के लिए ये बेहतरीन बदलाव हैं क्योंकि धीरे-धीरे ऑस्ट्रेलिया में अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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