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तेज गेंदबाजों की अच्छी फसल तैयार कर रहा गंगा-यमुना का उर्वर मैदान, देश को मिल रहे हैं फास्ट बालर्स

उत्तर प्रदेश से अब जो नया सितारा तेज गेंदबाज के रूप में चमक रहा है उसका नाम मोहसिन खान है। मोहसिन का जन्म उत्तर प्रदेश के संबल जिले में हुआ लेकिन उनका परिवार मुरादाबाद में रहता है। मोहसिन आइपीएल में खेल रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 03 May 2022 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2022 10:03 AM (IST)
भारतीय तेज गेंदबाज मो. शमी व विराट कोहली (एपी फोटो)

उमेश राजपूत, नई दिल्ली। पिछली सदी तक भारत को एक से एक बेहतरीन स्पिनर पैदा करने वाला देश माना जाता था, लेकिन कोई अच्छा तेज गेंदबाज कभी-कभार ही सामने आता था। 21वीं सदी के आगाज के साथ ही भारत में मारक तेज गेंदबाज सामने आने लगे थे, जिसमें जहीर खान, इरफान पठान, एस श्रीसंत, मुनाफ पटेल और आरपी सिंह जैसे नाम शामिल थे। इनमें रायबरेली के आरपी सिंह उत्तर प्रदेश की नुमाइंदगी करने वाले अकेले तेज गेंदबाज थे। इस सदी के दूसरे दशक की शुरुआत के साथ देश के क्रिकेट को तेज गेंदबाज देने का काम अपनी गंगा-यमुनी तहजीब के लिए जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश ने बखूबी करना शुरू किया। मेरठ ने देश को प्रवीण कुमार जैसा तेज गेंदबाज दिया, तो अमरोहा से मुहम्मद शमी सामने आए। बुलंदशहर से भुवनेश्वर कुमार मिले, तो अब मुरादाबाद से मोहसिन खान भारतीय क्रिकेट में दस्तक देने की तैयारी में जुटे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि गंगा-यमुना का यह उर्वर मैदान तेज गेंदबाजों की भी बढ़िया फसल तैयार करता दिख रहा है।

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कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश देश के क्रिकेट के नक्शे से गायब था। उत्तर प्रदेश से देश को पहला क्रिकेटर गोपाल शर्मा के रूप में 1985 में मिला। कानपुर के रहने वाले आफ स्पिनर गोपाल सिर्फ पांच टेस्ट और 11 वनडे खेलकर गुमनामी के अंधेरे में खो गए। इसके करीब डेढ़ दशक बाद इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से मुहम्मद कैफ के रूप में उत्तर प्रदेश का दूसरा क्रिकेटर सामने आया। कैफ ने अपनी शानदार फील्डिंग और उपयोगी बल्लेबाजी से वनडे टीम में अपनी खास जगह बनाई। कैफ के आने के बाद एक तरह से भारतीय क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए दरवाजे खुल गए।

इस बीच उत्तर प्रदेश में जन्मे कुछ खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। इनमें चेतन चौहान, अरुण लाल, मनोज प्रभाकर, रमन लांबा, नरेंद्र हिरवानी और विजय यादव जैसे क्रिकेटर शामिल थे, लेकिन इनमें से कोई भी उत्तर प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलकर देश की क्रिकेट टीम में नहीं पहुंचा। गोपाल शर्मा और मुहम्मद कैफ उत्तर प्रदेश की ओर से रणजी ट्राफी खेलकर भारतीय टीम में पहुंचे थे।

इस सदी का पहला दशक जब अपने अंतिम दौर में था तो देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग के रूप में आइपीएल का जन्म हो रहा था। कैफ के अंतरराष्ट्रीय पदार्पण और आइपीएल की शुरुआत से पहले तक उत्तर प्रदेश ने देश को सुरेश रैना, आरपी सिंह, पीयूष चावला और प्रवीण कुमार जैसे क्रिकेटर भी दिए। इन चारों ने अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण 2006 से 2008 के बीच किया। 2008 में 18 अप्रैल से एक जून के बीच आइपीएल के पहले सत्र का आयोजन हुआ।

आइपीएल ने भारतीय क्रिकेट की दुनिया भर में एक अलग पहचान दिलाई। यह दुनिया की सबसे धनी क्रिकेट लीग बनी और हर क्रिकेटर इसमें खेलने के सपने संजोने लगा। इस लीग ने क्रिकेटरों को मालामाल बनाया। इतना ही नहीं, कई विदेशी क्रिकेटरों ने तो अपनी राष्ट्रीय टीम में खेलने के बजाय आइपीएल में खेलने को तरजीह दी। इस वजह से कई क्रिकेटरों ने तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास भी ले लिया। इसके बावजूद इसका फायदा भारतीय क्रिकेट को हुआ। इस लीग से भारत को एक से एक शानदार क्रिकेटर मिले। उत्तर प्रदेश के क्रिकेटरों के लिए भी यह लीग वरदान साबित हुई। इस लीग में शानदार प्रदर्शन करके उत्तर प्रदेश के कई क्रिकेटरों ने अपनी छाप छोड़ी। रैना, आरपी, पीयूष और प्रवीण के अंतरराष्ट्रीय करियर को चमकाने का काम भी आइपीएल ने किया।

आइपीएल के आने के बाद उस दौर की शुरुआत हो चुकी थी जब उत्तर प्रदेश से एक से एक तेज गेंदबाज निकलकर सामने आने लगे थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना लोहा मनवा रहे थे। इसमें भी उत्तर प्रदेश के गंगा-यमुनी उर्वर मैदान वाले क्षेत्र से एक से एक बेहतरीन तेज गेंदबाज निकल रहे थे। इसकी शुरुआत प्रवीण कुमार के साथ हुई। प्रवीण ने भले ही आइपीएल से पहले अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू कर दिया था, लेकिन उनके करियर को आगे बढ़ाने में आइपीएल की अहम भूमिका रही। दायें हाथ के तेज गेंदबाज प्रवीण अपनी स्विंग गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने भारत के लिए छह टेस्ट में 27 विकेट, 68 वनडे में 77 विकेट और 10 टी-20 में आठ विकेट झटके। आइपीएल में उन्होंने 2008 से 2017 के दौरान आरसीबी, किंग्स इलेवन पंजाब, मुंबई इंडियंस, सनराइजर्स हैदराबाद और गुजरात लायंस का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने 119 मैचों में 90 विकेट झटके।

प्रवीण के बाद मेरठ से ही सुदीप त्यागी के रूप में देश को एक और तेज गेंदबाज मिला। सुदीप ने दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय आगाज किया, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर सिर्फ चार वनडे मैचों तक सिमट गया, जिसमें उन्होंने सिर्फ तीन विकेट लिए। वह आइपीएल में दो सत्रों में खेले। वह सीएसके का हिस्सा रहे और 10 मैचों में सिर्फ छह विकेट ले सके।

मेरठ के ही एक और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने 2012 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। वह अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रीय हैं। उन्होंने देश के लिए 21 टेस्ट में 63 विकेट, 121 वनडे में 141 विकेट, 59 टी-20 में 58 विकेट लिए हैं। आइपीएल में वह 2011 से खेल रहे हैं और अब तक 141 मैचों में 151 विकेट ले चुके हैं। हालांकि, वह 2009 और 2010 में भी आरसीबी का हिस्सा थे, लेकिन तब उन्हें कोई मैच खेलने को नहीं मिला था। 2011 से 2013 तक वह पुणे वारियर्स का हिस्सा रहे, जबकि 2014 से सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भुवनेश्वर अपनी इनस्विंग और आउटस्विंग गेंदों के लिए पहचाने जाते हैं।

2013 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा में जन्मे तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी ने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। हालांकि, यह बात अलग है कि शमी ने अपना घरेलू क्रिकेट बंगाल के लिए खेला, लेकिन भारतीय क्रिकेट में उन्हें अमरोहा का शमी के रूप में ही पहचाना जाता है। वह भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक हैं और गेंद को दोनों ओर स्विंग करने के अलावा रिवर्स स्विंग करने में भी माहिर हैं। वह अभी भी भारत के प्रमुख गेंदबाज हैं। शमी ने अब तक 59 टेस्ट में 214 विकेट, 79 वनडे में 148 विकेट, 17 टी-20 में 18 विकेट लिए हैं। शमी ने 2013 में केकेआर की ओर से आइपीएल पदार्पण किया और उसके बाद 2014 से 2018 तक दिल्ली डेयरडेविल्स का और 2019 से 2021 तक पंजाब किंग्स का हिस्सा रहे, जबकि इस सत्र में गुजरात टाइटंस का हिस्सा हैं। वह अब तक 86 मैचों में 93 विकेट ले चुके हैं।

उत्तर प्रदेश से अब जो नया सितारा तेज गेंदबाज के रूप में चमक रहा है उसका नाम मोहसिन खान है। मोहसिन का जन्म उत्तर प्रदेश के संबल जिले में हुआ, लेकिन उनका परिवार मुरादाबाद में रहता है। 23 साल के मोहसिन बायें हाथ के तेज गेंदबाज हैं और इस साल पहली बार आइपीएल में खेल रहे हैं। वह लखनऊ सुपरजाइंट्स का हिस्सा हैं। हालांकि, इससे पहले तीन साल तक वह मुंबई इंडियंस का हिस्सा रहे थे, लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने को नहीं मिला था। इस साल वह चार मैचों में आठ विकेट ले चुके हैं, जिसमें रविवार को उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 16 रन पर चार विकेट लेकर मैच जिताने वाला स्पैल फेंका था। मोहसिन, शमी को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी तरह ही गेंदों को स्विंग करना चाहते हैं। इनके अलावा हापुड़ के कार्तिक त्यागी और नोएडा के शिवम मावी भी ऐसे युवा तेज गेंदबाज हैं जो उत्तर प्रदेश से हैं और जूनियर स्तर और आइपीएल में अपनी प्रतिभा से प्रभावित करने में सफल रहे हैं। ये दोनों भी आने वाले समय में भारतीय टीम में दस्तक देते नजर आ सकते हैं।


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