Ind vs SA: आर अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका के पुछल्ले बल्लेबाजों के बारे में कहा- कोई भी कमजोर नहीं है
Ind vs Sa अश्विन ने कहा कि पुछल्ले बल्लेबाजों को लेकर जो मिथक है उसे बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है। अब कोई भी बल्ले से इतना कमजोर नहीं है।
पुणे, प्रेट्र। India vs South Africa 2nd test match 2019: भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के वर्नोन फिलेंडर और केशव महाराज के बीच शतकीय साझेदारी के दौरान वह एक बार भी हताश नहीं हुए थे क्योंकि वह रिजर्व खिलाडि़यों में शामिल होने के बजाय टेस्ट मैच में दोबारा गेंदबाजी करने से खुश हैं।
जब उनसे दक्षिण अफ्रीका की नौंवे विकेट की शतकीय साझेदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं हताश नहीं होता और हताश होना भी नहीं चाहता क्योंकि मैं दोबारा गेंदबाजी करने से खुश हूं। कोई भी बल्लेबाज होगा, मैं उन्हें गेंदबाजी करके खुश हूं। मुझे लगता है कि पुछल्ले बल्लेबाजों को लेकर जो मिथक है, उसे बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है। अब कोई भी बल्ले से इतना कमजोर नहीं है। हमारी टीम में भी लगभग हर कोई 11वें नंबर तक बल्लेबाजी करता है। यह अच्छी पिच है और फिलेंडर ने अच्छी बल्लेबाजी की। अश्विन ने 28.4 ओवर में 69 रन देकर चार विकेट चटकाए।
वहीं दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज तेंबा बावुमा ने कहा कि भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन बड़ी पारी नहीं खेलने का उन्हें मलाल है क्योंकि निचले क्रम के खिलाडि़यों ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करते हुए शतकीय साझेदारी निभा ली। वर्नोन फिलेंडर और केशव महाराज जैसे निचले क्रम के खिलाडि़यों ने पुणे स्टेडियम की ऐसी पिच पर अच्छी बल्लेबाजी की जिस पर दिग्गज खिलाड़ी नहीं चल सके। इसके बारे में बावुमा ने कहा कि शीर्ष क्रम का खिलाड़ी होने के नाते हमारा काम ज्यादा से ज्यादा रन बटोरना है लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों को बड़ी पारी खेलते हुए देखकर दुख होता है। इससे आपके अहं को ठेस पहुंचती है कि निचले क्रम ने अच्छी बल्लेबाजी की। उन्होंने कहा कि हमें अब दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। हमें बल्ले से दबदबा बनाना होगा जैसा कि भारत ने किया है।
पुणे टेस्ट मैच की पहली पारी में चोट के बावजूद भारत के खिलाफ 72 रनों की अहम पारी खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका टीम के स्पिनर केशव महाराज ने कहा कि मैंने खुद को सकारात्मक रखा इसी वजह से यह पारी खेल पाया। महाराज ने कहा कि फिलेंडर ने उन्हें पिच पर हमेशा सकारात्मक रखा। फिलेंडर और मैंने आपस में बात करते हुए कहा कि हम टी तक टिके रहेंगे। इसके बाद क्या होगा बाद में देखेंगे।
निचले क्रम के बल्लेबाज होने के चलते आपका हमेशा लंबे शॉट मारने का मन करता है, लेकिन वर्नोन ने मुझे ऐसा करने से रोका। मैंने भी खुद को खेल में बनाए रखा क्योंकि ऐसा करके हम विरोधी गेंदबाजों को परेशान कर सकते थे। महाराज ने भारतीय गेंदबाजों का सामना करने के लिए अपनी रणनीति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैं स्पिन के खिलाफ ऑफ स्टंप से बाहर रहना चाहता था। मैं जडेजा की गेंदबाजी पर लेग साइड में बने रहना चाहता था। हमने देखा कि शमी गेंद को स्विंग करा रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ भी अलग रणनीति थी। हम जानते थे कि जितनी देर तक पिच पर रुकेंगे बल्लेबाजी करना उतना ही आसान हो जाएगा।
----------------