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सीरीज में 32 विकेट लेकर अश्विन ने की हरभजन सिंह की बराबरी, फिर दिया ये हैरान करने वाला जवाब

भारत की तरफ से दो सीरीज में 30 से ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अश्विन पहले गेंदबाज बने। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह ने तीन मैच की सीरीज में 32 विकेट चटकाए थे। अश्विन ने मैच के बाद इसको लेकर अपनी राय दी।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 09:24 PM (IST)
सीरीज में 32 विकेट लेकर अश्विन ने की हरभजन सिंह की बराबरी, फिर दिया ये हैरान करने वाला जवाब
भारतीय स्पिनर आर अश्विन - फोटो ट्विटर पेज

विशेष संवाददाता, अहमदाबाद। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए। चार मैचों की टेस्ट सीरीज में इस गेंदबाज ने 32 विकेट अपने नाम किए। भारत की तरफ से दो सीरीज में 30 से ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अश्विन पहले गेंदबाज बने। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह ने तीन मैच की सीरीज में 32 विकेट चटकाए थे। अश्विन ने मैच के बाद इसको लेकर अपनी राय दी।

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भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखकर खुद को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहते हैं क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट के महान खिलाडि़यों में अमिट छाप छोड़ना चाहते हैं। अश्विन ने अपने 10 साल के करियर में आठ मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीत लिए हैं और वह हरभजन सिंह के 417 टेस्ट विकेट की बराबरी करने से महज आठ विकेट दूर हैं और इन गर्मियों में इंग्लैंड में वह हरभजन को पीछे छोड़ सकते हैं, लेकिन इसके बारे में वह नहीं सोचना चाहते।

आर अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 32 विकेट लेकर बनाया अनोखा रिकॉर्ड, बने पहले भारतीय

अश्विन ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो अगर आप इस पर मेरे विचार लेना चाहते हैं तो वह बहुत ही शानदार गेंदबाज हैं। काफी चीजें हैं जो मैंने उनसे सीखी हैं। जब भज्जू पा ने भारतीय टीम के लिए खेलना शुरू किया था तो मैं ऑफ स्पिनर बना भी नहीं था। 2001 में मशहूर सीरीज (तीन टेस्ट में 32 विकेट) के कारण वह (हरभजन) प्रेरणास्त्रोत भी थे। 2001 में मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं एक ऑफ स्पिनर बनूंगा, मेरा मतलब है कि किसी ने इन चीजों की कल्पना भी की होगी। मैं भाग्यशाली रहा कि जब मैं टीम में आया तो भज्जू पा के साथ खेला और अनिल भाई के साथ भी खेला, लेकिन अब मैं अपनी छाप छोड़ना चाहूंगा।'

अश्विन बतौर क्रिकेटर और बतौर इंसान हर दिन खुद को बेहतर बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं खुद को बेहतर बनाते रहना चाहता हूं, सीखना चाहता हूं और यह मेरी प्रकृति है।' 


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