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Ind vs Aus: विराट कोहली ने खुद माना, टीम इंडिया ने कभी नहीं की इससे घटिया बल्लेबाजी

विराट कोहली ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो ये अजीब है। गेंद में ज्यादा हरकत नहीं थी लेकिन हमने मैच को आगे ले जाने का जज्बा नहीं दिखाया। भारतीय पारी के महज 21.2 ओवर में सिमटने पर उन्होंने कहा कि सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ नहीं आया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 07:34 PM (IST)
Ind vs Aus: विराट कोहली ने खुद माना, टीम इंडिया ने कभी नहीं की इससे घटिया बल्लेबाजी
भारतीय कप्तान विराट कोहली पवेलियन लौटते हुए (एपी फोटो)

एडिलेड, प्रेट्र। भारतीय टीम एडिलेड टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 9 विकेट पर 36 रन ही बना पाई और ये टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का सबसे कम स्कोर रहा। टीम इंडिया के इस खराब प्रदर्शन पर भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि हमने कभी इससे बदतर बल्लेबाजी प्रदर्शन किया है। इसलिए हम यहां से केवल आगे आगे बढ़ सकते हैं और आप देखेंगे कि खिलाड़ी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। भारतीय कप्तान ने टीम का बचाव करने की पूरी कोशिश की लेकिन विदेश में इस साल लगातार छठी टेस्ट पारी में टीम के 250 से कम स्कोर के बाद बल्लेबाजी का बचाव करना मुश्किल था।

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विराट कोहली ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो ये अजीब है। गेंद में ज्यादा हरकत नहीं थी लेकिन हमने मैच को आगे ले जाने का जज्बा नहीं दिखाया। भारतीय पारी के महज 21.2 ओवर में सिमटने पर उन्होंने कहा कि सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया। विराट कोहली की कप्तानी में 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को छोड़ दे तो भारतीय पारी कई बार बुरी तरह से बिखरी है। इस साल न्यूजीलैंड के बाद यह लगातार छठी पारी है जब टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही।

कप्तान कोहली ने कहा कि इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं लगता है कि इसमें कुछ चिंताजनक है और हम यहां बैठ कर तिल का ताड़ बना सकते हैं, लेकिन ये सारी चीजों को सही तरीके से देखने के बारे में है। दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 15 पारियों में भारतीय बल्लेबाजी सस्ते में निपटी है लेकिन भारतीय कप्तान को पिछले आठ-नौ वर्षों में ऐसी छह पारियां ही याद है। उन्होंने कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप ने आठ-नौ वर्षों में सिर्फ पांच या छह बार बल्लेबाजी बिखरने के बारे में बात की। ऐसा बार-बार संभव नहीं है और हमें अपनी गलती स्वीकार कर देखना होगा कि किस पहलू पर काम करना है और आगे बढ़ना है। 


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