लक्ष्मण ने बताई दिल की बात, बोले साल 2007 में सिडनी टेस्ट के बाद वापस लौटना चाहता था भारत
लक्ष्मण ने कहा कि वह उनमें से एक थे जो चाहते थे कि टीम इंडिया इस प्रकरण के बाद तुरंत स्वदेश लौट जाए
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के पूर्व कलात्मक बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने मंगलवार को 2007-08 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हुए मंकी गेट प्रकरण की यादें ताजा की। लक्ष्मण ने कहा कि वह चाहते थे कि इस प्रकरण के बाद तुरंत टीम इंडिया सिडनी से वापस लौट जाए। वीवीएस लक्ष्मण यहां राजधानी में अपनी किताब '281 एंड बियोंड' के लांच के मौके पर पहुंचे थे।
लक्ष्मण ने कहा कि वह उनमें से एक थे जो चाहते थे कि टीम इंडिया इस प्रकरण के बाद तुरंत स्वदेश लौट जाए, लेकिन अनिल कुंबले ने तब अच्छी नेतृत्व क्षमता दिखाई और सब कुछ संभाल लिया।
भारत उस सीरीज में यह सिडनी टेस्ट हार गया था। तब हरभजन सिंह और एंड्रयू सायमंड्स के बीच जुबानी जंग हुई थी, जो बाद में बड़ा विवाद बना। उन्होंने कहा कि सिडनी में जो कुछ भी हुआ, उसके बाद हमारे लिए पर्थ की जीत मायने रखती थी। उस मैच में अंपायरों ने कई फैसले हमारे खिलाफ दे दिए थे।
लक्ष्मण की आत्मकथा का हाल ही में विमोचन किया गया, जिसमें उन्होंने रहस्योद्घाटन किया है कि चैपल के कार्यकाल के दौरान टीम दो या तीन गुटों में बंट गई थी और आपस में विश्वास की कमी थी। लक्ष्मण ने लिखा कि कोच के कुछ पसंदीदा खिलाड़ी थे, जबकि बाकी खिलाड़ियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था। टीम हमारी आंखों के सामने ही बंट गई थी।
ग्रेग का पूरा कार्यकाल ही कड़वाहट का कारण था। भारतीय टीम के साथ इस ऑस्ट्रेलियाई कोच का विवादास्पद कार्यकाल मई 2005 से अप्रैल 2007 तक रहा। लक्ष्मण ने कहा कि चैपल ने टीम को तोड़ दिया था। मेरे करियर के सबसे बुरे चरण में उनकी बड़ी भूमिका रही।