चाइनामैन कुलदीप यादव कैसे बने क्रिकेटर, बेस्ट फ्रेंड ने किया बड़ा खुलासा
कुलदीप यादव के जिगरी दोस्त (बेस्ट फ्रेंड) ने उनके क्रिकेटर बनने की कहानी बताई है कि कैसे वे मैदान पर आए और किस तरह उनका क्रिकेटर बनने का सफर तय हुआ।
नई दिल्ली, जेएनएन। आपके बचपन का दोस्त, आपके बारे में आप से ज्यादा जानता होगा। बेस्ट फ्रेंड को हर पसंद और नापसंद अपने दोस्त की मालूम होती है। ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के साथ हुआ। कुलदीप यादव खुद कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे, लेकिन उनके दोस्त ने उनको क्रिकेटर बनाकर ही दम लिया। अब कुलदीप यादव के सबसे अच्छे दोस्त सत्यम दीक्षित ने बताया है कि उनका जीवन कैसा रहा है।
दरअसल, कुलदीप यादव ने क्रिकबज के खास शो में अपने करियर के बारे में बात की। इसी बीच उनको दोस्त ने सत्यम दीक्षित ने बताया, "जब कुलदीप बच्चे थे, तब वे लखनऊ के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे। एक बार जब वे गर्मी की छुट्टियों में घर आए तो थोड़े गोल-मटोल से दिख रहे थे। ऐसे में उनके चाचा जी ने यह सोचा कि गर्मी के दिनों में क्रिकेट के मैदान में दौड़-भाग करेगा तो इसका वजन थोड़ा कम हो जाएगा, इसलिए इन्हें लेकर ग्राउंड पर आ गए और इस तरह इनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सफ़र की शुरुआत हुई।"
सत्यम दीक्षित ने कुलदीप यादव और उनके परिवार के गरीबी वाले दिनों को याद करते हुए बताया, "जब कुलदीप 15 साल के थे, तो उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए अच्छे जूतों की जरूरत थी, लेकिन उनके पास एक जोड़ी जूते खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे। यही कारण है कि कुलदीप यादव सफल होने के बाद भी अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूले हैं और आज वे युवा खिलाड़ियों की मदद करते हैं। किसी को स्पाइक्स(जूते) चाहिए हों या टी-शर्ट या लोअर या फिर एक बैट, कुलदीप उसे यह सामान खरीद कर दे देते हैं।"
कुलदीप यादव के कुछ राज भी सत्यम ने सार्वजनिक किए हैं। सत्यम शरारत से मुस्कुराकर बताते हैं, "वो अक्सर अपने पिताजी के साथ ही कहीं आते-जाते थे, लेकिन कभी-कभी उसे किसी खास शख्स से मिलना होता था। तब वह मुझे अपने साथ ले जाता थे ताकि उसे कोई परेशानी न हो। मैं इससे ज्यादा आपको नहीं बता सकता। मैं बस यही कह सकता हूं कि उसका क्रिकेट करियर सही दिशा में बढ़ रहा है और मुझे पूरा यकीन है कि उसके जीवन में जल्द ही शहनाइयां गूंजेंगी।"