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हरभजन सिंह ने कहा 4 साल से नहीं खेला क्रिकेट, नहीं ले सकता खेल रत्न

हरभजन ने ट्वीट किया मुझे इतने सारे फोन आ रहे हैं कि पंजाब सरकार ने मेरा नाम खेल रत्न नामांकन से वापस क्यों ले लिया। सच यह है कि मैं खेल रत्न के लिए योग्य नहीं हूं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 08:07 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 08:07 PM (IST)
हरभजन सिंह ने कहा 4 साल से नहीं खेला क्रिकेट, नहीं ले सकता खेल रत्न
हरभजन सिंह ने कहा 4 साल से नहीं खेला क्रिकेट, नहीं ले सकता खेल रत्न

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारतीय क्रिकेटर हरभजन ¨सह की एक मेल ने पंजाब के खेल विभाग में विवाद खड़ा कर दिया है। भज्जी ने विभाग के खेल निदेशक डीपीएस खरबंदा को एक मेल भेजकर राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से अपना नामांकन हटाने के लिए एक कहा था। विभाग के निदेशक ने उनकी मेल का हवाला देते हुए भारत सरकार को ऐसा करने के लिए कह दिया है। अब विभाग में इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया है कि डायरेक्टर ने ऐसा करने से पहले विभाग के मंत्री और सेक्रेटरी को क्यों नहीं पूछा।

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उधर, हरभजन ¨सह ने शनिवार को एक ट्वीट करके अपना स्पष्टीकरण दिया कि वह प्रतिष्ठित खेल रत्न अवॉर्ड के नामांकन के लिए इस साल फिट नहीं बैठते। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार से उन्होंने ही ऐसा करने को कहा था, क्योकि वह पिछले चार सालों से खेल से दूर हैं, इसलिए इसकी पात्रता के मापदंड में फिट नहीं बैठते।

हरभजन ने ट्वीट किया, 'मुझे इतने सारे फोन आ रहे हैं कि पंजाब सरकार ने मेरा नाम खेल रत्न नामांकन से वापस क्यों ले लिया। सच यह है कि मैं खेल रत्न के लिए योग्य नहीं हूं। मुख्यत: पिछले तीन साल के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को देखा जाता है। 'इस बारे में विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने उनका नाम वापस नहीं लिया है, बल्कि ऐसा करने के लिए हरभजन सिंह ने खुद कहा था।

हरभजन ने इसके बारे में स्पष्ट भी कर दिया है। जब उनसे पूछा गया कि जब वह मापदंडों पर खरा नहीं उतर रहे थे तो उनका नाम खेल रतन अवॉर्ड के लिए क्यों भेजा गया। इस पर उन्होंने कहा कि यह ठीक है खेल रत्न के लिए पिछले तीन वर्षो का रिकॉर्ड देखा जाता है, लेकिन हमने उनका पूरा रिकॉर्ड देखा है। वह हमारे राज्य के प्रतिष्ठित खिलाड़ी हैं।

विश्व स्तर पर उन्होंने नाम रोशन किया है, इसीलिए हमने उनके नाम का प्रस्ताव भेजा था, जिस पर मंत्री ने भी सहमति दी थी। अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या उनका नाम वापस लेने के लिए मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी की सहमति ली गई। डीपीएस खरबंदा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मंत्री से इस बारे में कोई सहमति नहीं ली गई है। पिछले साल देरी से भेजा गया था, नामांकन गौरतलब है कि हरभजन ¨सह का नाम पिछले साल भी भेजा गया था, लेकिन वह सरकार की गलती के कारण देरी से भेजा गया, जिसके चलते उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। यह बात भी उन्होंने अपने ट्वीट में कही है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार की गलती से देरी से भेजा गया, लेकिन इस साल सरकार की कोई गलती नहीं है। भज्जी अब तक 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 2015 में आखिरी बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था।


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