हरभजन ने बताया किस कप्तान की वजह से बने निडर गेंदबाज और किसने सबसे ज्यादा किया सपोर्ट
हरभजन सिंह ने बताया कि अगर ये कप्तान नहीं होता तो वो 100 टेस्ट नहीं खेल पाते और उन्होंने मुझे काफी सपोर्ट किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। हरभजन सिंह टीम इंडिया के बेहद सफल स्पिनरों में से एक रहे हैं और उन्होंने भारत के लिए अपने करियर में शानदार प्रदर्शन किया है। भज्जी बेहद आक्रामक क्रिकेटर थे, लेकिन वो ऐसा कैसे बने इसका खुलासा उन्होंने अब किया है। हरभजन सिंह को कई कप्तानों की कप्तानी में खेलने का मौका मिला था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में की थी और इसके बाद उन्होंने राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले, MS Dhoni, विराट कोहली व रोहित शर्मा की कप्तानी में भी खेला।
इतने सारे कप्तानों में से वो कौन थे जिसका असर उनपर सबसे ज्यादा पड़ा। इस सवाल का जवाब देते हुए हरभजन सिंह ने बिना किसी झिझक के सौरव गांगुली का नाम लिया। यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा के साथ बात करते हुए भज्जी ने कहा कि मेरे करियर में गांगुली की भूमिका काफी अहम रही। मेरे करियर या फिर यूं कहें कि जिंदगी में एक समय ऐसा आया था जब मुझे ये बात समझ में नहीं आ रही थी कि कौन मेरे साथ है और कौन नहीं। मेरे सामने तो लोग ऐसा ही दिखाते थे कि वो मेरे साथ हैं, लेकिन ऐसा था नहीं। ऐसे समय में जब कोई मेरे साथ नहीं था तब गांगुली ने मेरा साथ दिया था।
भज्जी ने कहा कि मैं गांगुली की जितनी भी तारीफ करूं वो कम ही है। सेलेक्टर्स मेरे खिलाफ थे और उन्होंने मुझे काफी ऐसी बातें कही जो मैं शेयर नहीं कर सकता। ऐसे में अगर गांगुली की जगह कोई अन्य कप्तान होता तो पता नहीं मेरा कितना साथ निभाता। मुझे जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा सपोर्ट किया वो सौरव गांगुली ही थे। उन्हीं की वजह से मैं 100 टेस्ट मैच खेल पाया।
हरभजन सिंह ने बताया कि गांगुली ने किस तरह से उन्हें एक निडर गेंदबाज बनने में हेल्प की। उन्होंने बताया कि गांगुली हमेशा ही अपने गेंदबाजों को अपने हिसाब से गेंदबाजी करने की पूरी छूट देते थे। इसकी वजह से गेंदबाजों का हौसला और बढ़ता था। यही नहीं वो अपने गेंदबाजों की हर तरह से मदद भी करते थे। अगर कैच के लिए आगे 4-5 फील्डर्स की जरूरत होती थी तो वो मना नहीं करते थे। हम पूछते थे कि क्या फील्डर को पीछे भेज दें तो वो तर्क देते थे कि अगर बाउंड्री जाती है तो जाने दो, लेकिन हम विकेट लेने की कोशिश करेंगे। गेंदबाज को ऐसे ही कप्तानी की जरूरत होती है जो हमेशा आपका समर्थन करे और उन्होंने हमेशा ऐसा किया। गांगुली के साथ और उनकी तरफ से मिली आजादी की वजह से ही मैं निडर बन पाया।