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    हनुमा विहारी ने बताया, एडिलेड टेस्ट में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद क्या हुआ था

    By Viplove KumarEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jan 2021 04:28 PM (IST)

    पहला टेस्ट हारने के बाद मेलबर्न में भारत ने धमाकेदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की और सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल की। सिडनी के तीसरे मुकाबले में हनुमा ...और पढ़ें

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    आर अश्विन के साथ सिडनी टेस्ट के दौरान हनुमा विहारी - फोटो ट्विटर पेज

    नई दिल्ली, जेएनएन। ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम के बेहद शर्मनाक हार मिली थी। एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में पूरी टीम महज 36 रन पर सिमट गई थी और इसकी हर तरफ आलोचना की गई थी। मेलबर्न में भारत ने धमाकेदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की और सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल की। सिडनी के तीसरे मुकाबले में हनुमा विहारी और आर अश्विन की जुझारू पारी दम पर भारत ने मैच ड्रॉ कराया।

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    चोट के बाद भी मैदान पर ढाई घंटे तक बल्लेबाजी करते हुए मैच बचाने वाले हनुमा ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि पहले मैच में मिली हार के बारे में टीम में कभी बात ही नहीं की गई। हम सभी ने ऐसा सोचा था पहला मैच कभी हुआ ही नहीं और सीरीज तीन मैचों की है। हम सबने दूसरे मैच से टेस्ट सीरीज की वापस से शुरुआत की। सिडनी टेस्ट में हनुमा ने चोटिल होने के बाद भी 161 गेंद खेलकर 23 रन बनाए और अश्विन के साथ मिलकर मैच ड्रॉ कराया।

    हनुमा ने कहा, "आप इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन ए़डिलेड टेस्ट के बाद हमने एक टीम के तौर पर कभी भी उस मैच के बारे में बात नहीं की। हमे बस ऐसा लग रहा था कि ये पहले कभी नहीं हुआ है और मुझे लगता नहीं कि इसके बाद दोबारा ऐसा कभी होने भी वाला है। यह बहुत ही अजीब पारी रही थी।" 

    आगे उन्होंने कहा, "इसी वजह से हम सभी ने सोचा कि चलो इस चीज को भुला कर आगे बढ़ते हैं और इसको अब मेलबर्न से तीन मैच की सीरीज के तौर पर देखते हैं। अब अगर आप किसको देखते हैं तो हमने सीरीज को 2-0 से जीता है। भारतीय क्रिकेट टीम के चरित्र और जैसी लड़ने की क्षमता हमने दिखाई, हमने सबकुछ उसी मैदान पर छोड़ दिया था। यही भारतीय टीम की सबसे बड़ी पहचान है। हम कुछ ऐसे ही खेलते हैं।"