लॉकडाउन में भी ग्राउंड्समैन कर रहे हैं कड़ी मेहनत ताकि क्रिकेट के लिए तैयार रहे ईडन गार्डन
अभी क्रिकेट जरूर बंद है लेकिन ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम में ग्राउंड के रखरखाव का काम पहले की तरह ही चल रहा है
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। कोरोना के कारण पूरी दुनिया में अभी क्रिकेट जरूर बंद है, लेकिन ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम में ग्राउंड के रखरखाव का काम पहले की तरह ही चल रहा है। ईडन के ग्राउंड्समैन सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए शिद्दत से इस काम में जुटे हुए हैं ताकि कोरोना संकट से उबरने के बाद जब भी क्रिकेट मैचों की दोबारा शुरुआत हो तो दुनिया का यह बेमिसाल क्रिकेट स्टेडियम इसके लिए पूरी तरह तैयार रहे।
ईडन के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी ने बताया कि स्टेडियम के ग्राउंड का नियमित रूप से रखरखाव बेहद जरुरी है, वरना इसे नुकसान पहुंच सकता है। फिलहाल घास की कटाई और पानी के छिड़काव जैसे जरूरी काम ही किए जा रहे हैं। इन कामों में हम सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रख रहे हैं। 300 फुट लंबी पानी की पाइप को सिर्फ तीन लोग पकड़ रहे हैं। वे भी आपस में 30 फुट से ज्यादा की दूरी बनाकर काम कर रहे हैं। पिच की रोलिंग का काम फिलहाल नहीं किया जा रहा क्योंकि इसमें कई लोगों को साथ मिलकर रोलर को धकेलना पड़ता है।
सुजन ने आगे कहा कि हमारे कुल 16 ग्राउंड्समैन हैं। फिलहाल सिर्फ छह-सात लोग ही काम कर रहे, बाकी लॉकडाउन से पहले अपने घर चले गए थे। सभी ग्राउंड्समैन स्टेडियम में बने क्वार्टर में रहते हैं। ज्यादातर ग्राउंड्समैन ओडिशा और बंगाल के विभिन्न जिलों से हैं। ईडन के प्रमुख ग्राउंड्समैन गंगा ने बताया कि फिलहाल सुबह अथवा शाम को एक ही शिफ्ट में काम किया जा रहा है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) की ओर से हमारे खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की गई है। हमें मास्क, सैनिटाइजर और साबुन भी दिए गए हैं।
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सौरव ने बढ़ाया मदद का हाथ
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ईडन के ग्राउंड्समैन की काफी मदद कर रहे हैं। उन्होंने ग्राउंड्समैन को खाद्य सामग्रियां प्रदान की है और नियमित रूप से उनकी खोज-खबर ले रहे हैं। कैब ने भी प्रत्येक ग्राउंड्समैन की 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है। इसके अलावा उनके लिए चावल, दाल, आटा, सब्जी की भी व्यवस्था की है। कैब के कमेटी सदस्यों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। बंगाल के पूर्व क्रिकेटर और खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला और अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस ने भी सहायता की है। क्यूरेटर सुजन मुखर्जी भी अपनी तरफ से मदद कर रहे हैं।
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