2015 विश्व कप को लेकर धौनी ने 2012 में ही कर लिया था फैसला: गंभीर
2012 सीबी सीरीज के दौरान धौनी ने साफ कहा था कि वो गंभीर, सहवाग व सचिन को एक साथ टीम में नहीं खिला सकते। ये फैसला तीनों खिलाड़ियों के लिए बड़ा झटका था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अपने क्रिकेट करियर के दौरान हुई घटनाओं पर अपनी बेबाक राय दे रहे हैं। वैसे भी इसके लिए खूब जाने जाते हैं। गंभीर ने अब वर्ष 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुई सीबी सीरीज के दौरान भारतीय टीम के पूर्व कप्तान धौनी के फैसलों पर खुलकर अपनी बात रखी। गंभीर ने कहा कि इस सीरीज में धौनी ने सचिन, सहवाग व उन्हें एक साथ नहीं खिलाने का फैसला किया था क्योंकि वो 2015 आइसीसी विश्व कप के लिए टीम में युवाओँ को मौका देना चाहते थे।
गंभीर ने बताया कि इस ट्रॉई सीरीज के दौरान ही धौनी ने साफ कर दिया कि वो हम तीनों को एक साथ नहीं खिला सकते क्योंकि वो अगले विश्व कप की तैयारी कर रहे हैं। मैंने ऐसा पहली बार सुना कि किसी खिलाड़ी को विश्व कप से इतने वर्ष पहले ही कह दिया गया कि आप उसका हिस्सा नहीं होंगे यानी वर्ष 2012 में विश्व कप 2015 की टीम का सेलेक्शन कर लिया गया था। इतना पहले कोई कैसे तय कर सकता है कि अगले विश्व कप में उन्हें किसे खिलाना है और किसे नहीं। वैसे भी जब टीम का सेलेक्शन होता है तो उस दौर पर खिलाड़ी का फॉर्म सबसे जरूरी होता है।
गौतम गंभीर ने बताया कि उस दौरे पर जब हमें एक जीत की बहुत जरूरत थी। होबार्ट में, सहवाग और सचिन ने ओपनिंग की थी और मैं नंबर तीन पर खेला था जबकि विराट चार पर। भारत वह मैच जीत गया था और हमें 37 ओवर में लक्ष्य हासिल करना था। सीरीज की शुरुआत में हम एक साथ नहीं खेले थे, हमें रोटेट किया जा रहा था। जब उस सीरीज में जीत की ज्यादा जरूरत पड़ी तब हम तीनों को टीम में शामिल किया गया।
धौनी के बारे में गंभीर ने कहा कि जब आपने कोई फैसला किया है तो उस पर टिके रहो उससे पीछे ना हटें। उन्होंने कप्तान के तौर पर जो फैसले किए वो हम तीनों खिलाड़ियों के लिए बड़ा झटका था। वैसे इस सीरीज में टीम इंडिया ने 8 में से तीन मैच जीते थे और एक टाइ रहा था। धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया इस ट्राई सीरीज के फाइनल में नहीं पहुंच सकी। फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच खेला गया था।