गौतम गंभीर ने कहा- टी20 फॉर्मेट का कोच बनने के लिए इंटरनेशनल मैचों का अनुभव जरूरी नहीं
गौतम गंभीर ने बताया कि टी20 प्रारूप का सफल कोच बनने के लिए इंटरनेशनल मैचों का अनुभव जरूरी नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि अगर किसी खिलाड़ी के पास इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का ज्यादा अनुभव है तो वो एक अच्छा कोच साबित हो सकता है। पर टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर की सोच जरा अलग हटकर है। उन्होंने कहा है कि टी20 प्रारूप में एस सफल बल्लेबाजी कोच बनने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का अनुभव जरूरी नहीं है। कोच का काम खिलाड़ियों को सकारात्मक मानिसकता के साथ खेलने में मदद करना है।
क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने गौतम गंभीर ने कहा कि टी20 क्रिकेट के लिए अलग से बल्लेबाजी कोच की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अगर किसी व्यक्ति ने पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेला है या फिर उसके पास इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का अनुभव नहीं है तो वो एक सफल टी20 बल्लेबाजी कोच नहीं बन सकता। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में कोच का काम सिर्फ आपको पॉजिटीव रखना होता है जिससे कि आप अपना नैचुरल खेल दिखा सको।
गंभीर ने का कि एक कोच आपको ये नहीं सिखा सकता कि आपको लैप शॉट कैसे खेलना है या फिर रिवर्स लैट शॉट कैसे लगाना है। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि अगर आप एक सफल खिलाड़ी रहे हैं तो इससे बेहतर चयनकर्ता बनने में मदद मिल सकती है। तो वहीं एक सफल कोच बनने के लिए बहुत क्रिकेट खेला होना जरूरी नहीं है, पर सेलेक्टर बनने के लिए ये जरूरी है। उन्होंने ये सारी बातें स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में कहीं।
आपको बता दें कि गौतम गंभीर का टी20 करियर काफी शानदार रहा था। जब भारत ने साल 2007 में पहली बार टी20 वर्ल्ड कप जीता था तब उस मैच में उन्होंने काफी अच्छी पारी खेली थी। वहीं आइपीएल में कप्तान के तौर पर वो काफी सफल रहे थे। उनकी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने दो-दो बार इस लीग का खिताब अपने नाम किया था।