EXCLUSIVE: टेस्ट पिता, वनडे मां और टी-20 उनके बच्चे : विवियन रिचर्ड्स
विव रिचर्ड्स ने कहा कि विराट कोहली भारतीय क्रिकेट में बदलाव लेकर आए और सारे पैमाने बदल दिए।
कभी क्रिकेट का मतलब सर विव रिचर्ड्स होता था और आज भी अगर वह कोई बात कहते हैं तो क्रिकेट जगत के लिए उसके अपने मायने होते हैं। भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तहत मुकाबला खेला जाएगा। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तहत यह दोनों टीमों का पहला मुकाबला होगा। रिचर्ड्स सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के पैनलिस्ट के तौर पर इस सीरीज में मौजूद रहेंगे। 121 टेस्ट खेलने वाले वेस्टइंडीज के धाकड़ बल्लेबाज रिचर्ड्स का मानना है कि क्रिकेट का सबसे बड़ा फॉर्मेट ही इस खेल का पिता है। अभिषेक त्रिपाठी ने विव रिचर्ड्स से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-
-आपके समय में टेस्ट क्रिकेट सबसे पसंदीदा प्रारूप हुआ करता था लेकिन अब सीमित ओवरों का क्रिकेट ज्यादा पसंद किया जाने लगा है। क्या आपको लगता है कि टेस्ट चैंपियनशिप से नजरिया बदलेगा?
-वाकई में, मुझे लगता है कि यह एक महान प्रारूप है। और सच कहूं तो उसकी वजह से वनडे और टी-20 का जन्म हुआ। मुझे लगता है कि जिसने किक्रेट को इतने बड़े पंख फैलाने को दिए हों उसे कभी नहीं भूलना चाहिए। यह तथ्य था कि हर कोई टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता था। टेस्ट के कारण ही टी-20 जैसे छोटे प्रारूपों का जन्म हुआ जो इस स्तर पर सबसे लोकप्रिय है। कुछ लोग हैं जो पूरी तरह से टी-20 को नकारते हैं लेकिन मैं उनमें से एक नहीं हूं। मुझे खुशी होती है कि आज क्रिकेट जिस जगह पर है उसकी बहुत बड़ी देन टेस्ट है। जब मैं दुनिया भर में किसी अन्य खेल गतिविधि के रूप में अगले स्तर की बात करता हूं तो टी-20 एक प्रतियोगी हो सकता है। मैं टेस्ट क्रिकेट को विलुप्त होते नहीं देखना चाहूंगा क्योंकि जब आप डॉन ब्रेडमैन की बात करते हैं तो यह सही नहीं लगता। मेरे लिए बड़े सम्मान की बात थी कि मैं सुनील गावस्कर और कई महान खिलाडि़यों के साथ लंबे समय तक खेला। टेस्ट की वजह से ही आज लोग ब्रेडमैन, गावस्कर, कपिल देव जैसे महान खिलाडि़यों को जानते हैं। क्रिकेट में टेस्ट पिता है, वनडे मां और टी-20 बच्चे। यह एक पारिवारिक वातावरण है। अगर हम इतने बड़े पैमाने पर परिवार का आनंद लेते हैं, तो हमें कभी भी इस पारिवारिक संग्रह को नहीं खोना चाहिए।
-विराट कोहली के बतौर खिलाड़ी और कप्तान सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को कैसे देखते हैं?
- मैं विराट की बहुत इज्जत करता हूं। मैं अपने और उसके बहुत सारे दृष्टिकोण को एक समान देखता हूं। हम दोनों नेतृत्व को लेकर बहुत ज्यादा जुनूनी हैं। हम इस बात को लेकर जुनूनी हैं कि हमारे क्षेत्ररक्षक कैसा बर्ताव करते हैं। वह हमेशा आगे के बारे में सोच सकता है और आपको आगे लेकर जा सकता है। यही वह वजह है जिसकी वजह से कोहली कप्तान है। विराट आगे बढ़कर टीम की कमान संभालता है और जिस तरह से उसका आनंद लेता है, मैं उसकी सराहना करता हूं। मुझे जुनूनी लोग पसंद हैं। एक बार मैंने कहा था कि जहां मैंने उसे एक मैच में लांग ऑन पर फील्डिंग करते देखा और तब एलबीडब्ल्यू की अपील की गई। वहां से वह एक लंबा रास्ता तय करके पिच के पास पहुंचा। वह मुझे बहुत पसंद आया। उसने अपने हाथ उठाए, वह एक खूबसूरत नजारा था जिसे देखकर आप कह सकते हैं कि वह लड़का खेल में हमेशा तल्लीन रहता है। खेल को लेकर जिस तरह की ऊर्जा वह पैदा करता है वह मुझे बहुत पसंद है। मुझे कभी-कभी अपने खिलाडि़यों पर सख्त होने का आरोप लगाया गया है और दूसरे दिन मैंने उसे ऐसा ही करते हुए देखा, तो मैंने खुद से कहा यार, मैंने भी यह किया था। एक कप्तान के रूप में मैं किसी खिलाड़ी को ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहूंगा जो मैं खुद करने के लिए तैयार नहीं था। मुझे लगता है कि विराट में ये सारी खूबियां हैं। कभी-कभी हम सभी थोड़ा उत्तेजित हो जाते हैं। कभी-कभी मैं उस ओर जाता हूं जहां मैंने अपने खिलाड़ी को फटकार लगाई है, न कि बड़े रास्ते से। एक कप्तान के रूप में जो लड़ता है उसके बारे में उसके चेहरे से पता चल जाता है क्योंकि यह खेल का हिस्सा है। कभी-कभी आप इन सभी कौशल केसाथ उन्हें हरा सकते हैं लेकिन फिर मौखिक रूप से कभी-कभी वे आपको चोट पहुंचा सकते हैं और विराट ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहते हैं।
-भारतीय क्रिकेट में क्या बदलाव देखते हैं?
भारतीय क्रिकेट के पुराने दिनों के बारे में मैं याद करता हूं, जहां वे मैदान छोड़कर भाग जाते थे। विराट भारतीय क्रिकेट में बदलाव लेकर आए और सारे पैमाने बदल दिए। भारत को एक हल्की टीम समझा जाता था और तभी विराट खड़े हुए और मुझे लगता है कि नेतृत्व का असल मतलब यही है। आप अपने सभी खिलाडि़यों को सामने ला सकते हैं, उसी तरह के उत्साह के साथ जैसे बर्ताव के साथ पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया को लेकर आए थे जो अंत में जीतते थे और यहां तक वह मौखिक रूप से भी ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाते थे। अब भारत ना सिर्फ वैसा ही कर रहा बल्कि प्रतिभा के हिसाब से उसे बेहतर साबित कर रहा है।
-वेस्टइंडीज क्रिकेट में क्रिस गेल हैं जिन्होंने ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़ा। उनको आप कैसे देखते हैं?
-क्रिस ने हमारे लिए तब शानदार प्रदर्शन किया जब वेस्टइंडीज क्रिकेट अपने खराब दौर से गुजर रहा था। उन्होंने वेस्टइंडीज में यह विश्वास पैदा किया कि उसके पास विश्व स्तरीय बल्लेबाज है, जो दुनिया भर में आइपीएल या बिग बैश जैसे लीगों में भी अच्छा कर सकता है। हमें इस पर गर्व है। अगर वह अभी भी मानते हैं कि वेस्टइंडीज क्रिकेट में अहम योगदान दे सकते हैं, तो मुझे इससे कोई समस्या नहीं है क्योंकि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि आपकी उम्र क्या है लेकिन ऐसी स्थिति में आपका प्रदर्शन दोगुना होना चाहिए, क्योंकि अगर मैं किसी युवा खिलाड़ी की तरह फील्डिंग में अच्छा नहीं हूं तोमुझे बल्लेबाजी से उसकी कमी को पूरा करना चाहिए। अगर वह यह सब कर सकते हैं तो टीम में बने रह सकते हैं। एक कैरेबियाई क्रिकेटर के नाते हम उसके आंकड़ें देखें तो हमें उस पर गर्व होगा।
-टी-20 लीगों में वेस्टइंडीज के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन राष्ट्रीय टीम में आते ही उनके प्रदर्शन में वह बात नजर नहीं आती। ऐसा क्यों ?
-मुझे लगता है कि यह वह सवाल नहीं है जो मुझसे पूछा जाना चाहिए। आपके पास शायद ऐसे कोच और सलाहकार हैं जो खिलाडि़यों को बता रहे हैं कि, यह इसके लिए अच्छा है या यह उसके लिए अच्छा है, लेकिन मुझे लगता है कि यह बकवास है कोई भी इस प्रारूप को खेल सकता है। यह सब एक दिमागी खेल है और सभी को अपने विकल्पों को खुला छोड़ देना चाहिए।
-एशेज सीरीज में अब तक स्टीव स्मिथ ने कमाल का प्रदर्शन किया है। क्या आपको लगता है कि बॉल टेंपरिंग विवाद के बाद वह ज्यादा मजबूत हुए हैं?
- कभी-कभी आप लोगों की सुनते हैं लेकिन स्टीव स्मिथ के खेलने के तरीके को देखकर ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि अगर वह इंग्लिश खिलाड़ी होता तो शायद कोई दूसरा पेशा ढूंढ़ने की कोशिश करता। बल्लेबाजी एक ऐसी कला है जैसे कोई शानदार तस्वीर बना रहा हो और आप वैसा ही करते हैं जैसा आप पेंट करना चाहते हैं। आप एक विशेष स्थिति को नहीं बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन आप उन क्षेत्रों का फायदा उठाना चाहते हैं जिससे आपको लगता है कि आप एक सुंदर चित्र बना सकते हैं। स्मिथ वैसा ही कर रहा है।