सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं इन्हें भी हार का जिम्मेदार ठहराया पूर्व कप्तान अजहरूद्दीन ने
अजहर ने बताया कि टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को हार क्यों मिली।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 पीछे है और टेस्ट सीरीज गंवा चुकी है। दोनों देशों के बीच आखिरी टेस्ट मैच ओवल में सात सितंबर से खेला जाएगा। भारतीय टीम की हार पर पूर्व कप्तान अजहरूद्दीन ने टीम के प्रदर्शन पर तो सवाल उठाए ही साथ ही साथ उन्होंने टीम के सपोर्ट स्टाफ को भी जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि टीम के सपोर्ट स्टाफ भारतीय खिलाड़ियों को एक ही गलती बार-बार करने से रोक सकते थे।
अजहर ने कहा कि हम खराब बल्लेबाजी की वजह से टेस्ट सीरीज हारे। हमारे बल्लेबाज एक ही गलती बार-बार दोहराते नजर आए और ऐसे में कोचिंग स्टाफ क्या कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम घूमती हुई गेंदों का अच्छे तरीके से सामना नहीं कर सके। हम सिर्फ विराट पर ही निर्भर नहीं रह सकते। टीम के ओपनर्स जैसे शिखर धवन और लोकेश राहुल रन बनाने में सफल नहीं रहे। मध्यक्रम के बल्लेबाजों के पास काफी कुछ साबित करने का मौका था। चौथे टेस्ट मैच में पुजारा के शतक के बाद हमें कम से कम 100 रन की बढ़त लेनी चाहिए थी।
पूर्व कप्तान ने कहा कि हम और ज्यादा अच्छा कर सकते थे। हमारे पास ये टेस्ट सीरीज जीतने का शानदार मौका था क्योंकि टीम के पास बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण है और हर मैच में हमारे गेंदबाजों ने 20 विकेट लिए साथ ही विरोधी टीम पर दबाव बनाने का टीम को मौका दिया। अजहर ने भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर कहा कि हमने मेजबान टीम के स्पिनर्स को गिफ्ट में विकेट दे दिए। चौथे टेस्ट मैच में हमें कोई ज्यादा बड़ा लक्ष्य नहीं मिला था जिसे हम चेज कर रहे थे। हमने बहुत जल्द ही हार मान लिया वहीं टीम के अनुभवी सीनियर स्पिनर अश्विन ज्यादा प्रभावी नहीं रहे।
अजहर ने टीम के सेलेक्शन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सीरीज हारने में टीम का चयन भी अहम रहा। पहले टेस्ट मैच में पुजारा को टीम से बाहर करना और स्पिनर कुलदीप को टीम में शामिल करना भारत के हक में नहीं रहा। इसके अलावा टीम के बल्लेबाज इंग्लैंड की चुनौती का सामना अच्छे तरीके से नहीं कर पाए। विराट ने इस पूरी सीरीज के दौरान जिस तरह की बल्लेबाजी की मैं इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं लेकिन यहां पर एक बार कहना जरूरी है कि क्रिकेट एक टीम गेम है और दूसरे बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान का साथ देना चाहिए था।