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भारत से टी20 विश्व कप फाइनल हारने वाला ये पाकिस्तानी कप्तान गरीबों का महेंद्र सिंह धौनी, पूर्व दिग्गज का बयान

रमीज ने कहा कि जैसे पूर्व भारतीय कप्तान के हाव भाव नहीं बदलते थे वैसे ही मिस्बाह भी रहे। रमीज ने उनको गरीबों का धौनी कहकर संबोधित किया साथ ही आज के मुताबिक टीम के अंदर आक्रामकता भरने की भी सलाह दी।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 01:16 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 01:16 PM (IST)
भारत से टी20 विश्व कप फाइनल हारने वाला ये पाकिस्तानी कप्तान गरीबों का महेंद्र सिंह धौनी, पूर्व दिग्गज का बयान
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक- फाइल फोटो

नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज रमीज राजा ने पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक को महेंद्र सिंह धौनी जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि जैसे पूर्व भारतीय कप्तान के हाव भाव नहीं बदलते थे वैसे ही मिस्बाह भी रहे। रमीज ने उनको गरीबों का धौनी कहकर संबोधित किया साथ ही आज के मुताबिक टीम के अंदर आक्रामकता भरने की भी सलाह दी।

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रमीज ने एक इंटरव्यू में कहा, मिस्बाह की ट्रेनिंग और उनका बचपन बहुत ही अलग था। मैं इसे ऐसे कहना चाहूंगा कि वह गरीबों के धौनी हैं। एमएस भी खुद को रोककर रखते थे चेहरे पर कोई भाव नहीं और ना ही कोई भावनात्मक प्रतिक्रिया। मिस्बाह भी ऐसे ही हैं लेकिन अब मुझे ऐसा लगता है कि उनको नई सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

मिस्बाह को नई दिशा लेने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए सही दिशा के लिए जीपीएस निर्धारित करने की जरूरत है। पाकिस्तान क्रिकेट के डीएनए में ही आक्रामकता है। मुझे लगता है वो कभी कभी काफी ज्यादा रक्षात्मक हो जाते हैं और जैसे ही हम मैच हारते हैं तो वह कटाक्ष करने पर उतर आते हैं। मेरा कहना है कि अगर हमारे खिलाड़ी अच्छे हैं और टैलेंट सही है तो ऐसे झटके और उतार चढ़ाव से घरबाने की जरूरत नहीं है।

रमीज ने कहा आज कल की क्रिकेट में आक्रामकता का फायदा मिलता है। उन्होंने भारतीय टीम को इसका उदाहरण बताया। कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली मैदान पर आक्रामक रवैया रखने के लिए जाने जाते हैं। टीम को इसका फायदा मिल रहा है और वह विदेश में भी अच्छा कर रही है।

जब हम रवि के साथ खेला करते थे तो ऐसा लगता था वह भारतीय टीम में फिट नहीं होते क्योंकि उनके अंदर आक्रमकता था। उनको अंदर टीम के लिए सबकुछ करने की चाहत थी। वह पारी की शुरुआत करने को राजी थे तो वहीं नीचले क्रम में बल्लेबाजी करने में उनको परेशानी नहीं थी। उनकी शारीरिक भाषा बिल्कुल अलग होती थी।


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