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भारत के खिलाफ हार के डर से हमारा रवैया कुछ अवरों पर नकारात्मक रहा- माइकल क्लार्क

क्लार्क ने कहा कि आखिर में मैच में 20 ओवर रहते हुए हारना या अंतिम गेंद पर हारना मायने नहीं रखता। हमें ट्रॉफी जीतने के लिए ये मैच जीतना चाहिए था। मुझे लगता है कि मैच की पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक इस तरह का रवैया दिखाना था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:58 PM (IST)
भारत के खिलाफ हार के डर से हमारा रवैया कुछ अवरों पर नकारात्मक रहा- माइकल क्लार्क
भारतीय टेस्ट टीम के खिलाड़ी (एपी फोटो)

मेलबर्न, प्रेट्र। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भारत की अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के लिए ऑस्ट्रेलिया के नकारात्मक रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि मेजबान टीम को जीत के लिए आक्रामकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय लग रहा था कि उसे हार का डर सता रहा है। क्लार्क हालांकि इस घरेलू सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की हार का दोष कप्तान टिम पेन को नहीं देते। क्लार्क ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारा रवैया कुछ अवसरों पर नकारात्मक रहा, क्योंकि हमारे अंदर हार का डर था। इसके बजाय हमें सख्त रवैया अपनाकर मैच जीतने की कोशिश करनी चाहिए थी।'

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पेन की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया ने 23 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से उसे केवल 11 में ही जीत मिली। भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में दो हार से उनका रिकॉर्ड और खराब हो गया है। पेन को 2018 में दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ के मामले के बाद स्टीव स्मिथ की जगह कप्तान बनाया गया था। उनकी न सिर्फ अपनी कप्तानी, बल्कि खराब विकेटकीपिंग के कारण भी आलोचना हो रही है। लेकिन, क्लार्क का मानना है कि नकारात्मक मानसिकता के कारण ऑस्ट्रेलिया को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, 'आखिर में मैच में 20 ओवर रहते हुए हारना या अंतिम गेंद पर हारना मायने नहीं रखता। हमें ट्रॉफी हासिल करने के लिए यह मैच जीतना चाहिए था। मुझे लगता है कि हमें मैच की पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक इस तरह का रवैया दिखाना चाहिए था।'

क्लार्क ने कहा कि एक समय था जबकि कप्तान के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, 'जब मैं क्रिकेट खेलता था, जब मैं अपने पिता को देखकर बड़ा हुआ तो मैं जिन टीमों में खेलता था उनमें कप्तान जवाबदेह होता था, लेकिन समय के साथ यह बदल गया। अब चयनसमिति का अध्यक्ष है, हाई परफॉर्मेस मैनेजर है, मुख्य कोच है जिनके पास अधिक जिम्मेदारियां हैं। इनमें से अब टीम का संचालन कौन कर रहा है? मेरे कहने का यह मतलब है।'

पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भी पेन का बचाव किया। ली ने कहा, 'मेरा मानना है कि जब से उन्होंने कप्तानी संभाली है तब से बहुत अच्छी नेतृत्वक्षमता दिखाई है। इसके अलावा टिम पेन की विकेटकीपिंग के बारे में भी काफी कुछ कहा जा रहा है। उन्होंने कुछ मौके गंवाए, लेकिन कौन नहीं गंवाता। आप विकेटकीपरों के इतिहास में झांककर देखिए। आपको कई ऐसे विकेटकीपर मिल जाएंगे, जो विकेट के पीछे खराब दौर से गुजरे। वह अच्छे कप्तान और बेहतरीन विकेटकीपर हैं।'


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