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खिलाड़ियों की सैलरी काटने की बात पर भड़के सुनील गावस्कर, ICA अध्यक्ष को सुनाई खरी-खरी

भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों की सैलरी काटने की बात पर हैरानी जताई है और कहा है कि बातें करना आसान काम है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 02:54 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 02:54 PM (IST)
खिलाड़ियों की सैलरी काटने की बात पर भड़के सुनील गावस्कर, ICA अध्यक्ष को सुनाई खरी-खरी
खिलाड़ियों की सैलरी काटने की बात पर भड़के सुनील गावस्कर, ICA अध्यक्ष को सुनाई खरी-खरी

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा के उस बयान पर हैरानी जताई है, जिसमें मल्होत्रा ने कहा था कि क्रिकेट नहीं होने की वजह से खिलाड़ियों की सैलरी कटनी चाहिए। कोरोना वायरस महामारी ने भारत में भी लोगों को अपनी चपेट में लिया हुआ है। ऐसे में क्रिकेट भी बंद है और अशोक मल्होत्रा ने कहा है कि जब क्रिकेट नहीं खेली जा रही तो क्रिकेटरों के पैसे कटने चाहिए।

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वर्तमान में खिलाड़ी 21 दिन के लॉकडाउन के चलते घरों में हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अब तक कुछ भी आधिकारिक नहीं किया है कि खिलाड़ियों की सैलरी कटेगी या नहीं। हालांकि, पिछले महीने अशोक मल्होत्रा ने कहा है कि अगर देश में गंभीर स्थिति के दौरान होम बोर्ड पूरी तरह से कमाई नहीं कर रहा है तो खिलाड़ियों को वेतन में कटौती करना चाहिए। इनमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और फर्स्ट क्लास क्रिकेटर शामिल होने चाहिए, जिनका वेतन कटे।

अशोक मल्होत्रा का ये बयान सुनील गावस्कर को पसंद नहीं आया और उन्होंने मिड-डे को लिखे अपने कॉलम में कहा है कि मल्होत्रा के अधिकार पर सवाल उठाने के लिए उनके पास कोई बात नही हैं, लेकि वेतन कटौती के बारे में बात करना आसान है तब कि जब यह किसी की अपनी जेब को प्रभावित नहीं करता है। गावस्कर ने कहा है, "अन्य खेलों की तरह अगर आप नहीं खेलते हैं तो आपके साथ ऐसा होता है, जिसका समर्थन इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने किया है।"

पूर्व कप्तान ने कहा है, "बीसीसीआइ के पक्ष में उन्होंने अपनी बात कही है, लेकिन उनको ये अधिकार नहीं है कि वे खिलाड़ियों सैलरी काटने की बात करें। वर्तमान में भारत के अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी ICA के सदस्य नहीं हैं, इसलिए वह उनकी ओर से नहीं बोल सकते। वेतन कटौती के बारे में बात करना आसान है अगर यह आपकी खुद की जेब को चोट नहीं पहुंचाता है।" हालांकि, बीसीसीआइ का ऐसा कोई विचार नहीं है, क्योंकि खिलाड़ी कहीं और जगह नहीं खेल रहे। इसके अलावा अगर क्रिकेट होती तो वे निश्चित रूप से खेलते।


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