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दीपक चाहर के पिता ने खोला राज, बोले- ऐसे घातक गेंदबाज बने हैं चाहर बंधु

दीपक चाहर के पिता ने कहा है कि ये तेज रफ्तार गेंद से भी इसलिए स्विंग करा पाते हैं क्योंकि इन्होंने इसको सीखा है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 03:33 PM (IST)
दीपक चाहर के पिता ने खोला राज, बोले- ऐसे घातक गेंदबाज बने हैं चाहर बंधु
दीपक चाहर के पिता ने खोला राज, बोले- ऐसे घातक गेंदबाज बने हैं चाहर बंधु

नई दिल्ली, जेएनएन। कई बार जब हम कोई बल्लेबाज अपना ट्रेडमार्क शॉट खेलता या फिर कोई गेंदबाज अपने अलग तरह के एक्शन से गेंदबाजी कर विकेट चटकाता है तो लोग इस टैलेंट को गॉड–गिफ्टेड की संज्ञा देते हैं, लेकिन ये सच नहीं है। इसके पीछे काफी मेहनत होती है। यही कहना है भारतीय टीम के तेज गेंदबाज दीपक चाहर के पिता का। दीपक चाहर के पिता ने कहा है कि दीपक में तेज गति से गेंद को स्विंग कराने की क्षमता नेचुरल नहीं है।

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सीनियर चाहर यानी दीपक चाहर के पिता ने क्रिकबज के एक खास शो में कहा है,"हर कोई दीपक को देखता है और सोचता है कि 140 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक की रफ्तार पर गेंद को स्विंग कराने की उसकी क्षमता नेचुरल है, लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। मैंने डेल स्टेन और मैल्कम मार्शल जैसे गेंदबाज देखे हैं जो बहुत तेज गति पर भी गेंद को स्विंग कराते हैं। मैं जानता था कि भारतीय टीम भी ऐसे गेंजबाजों को अपने साथ जोड़ सकती है और इसलिए दीपक और मैंने इस तकनीक पर काम किया।"

वहीं, दीपक चाहर कहते हैं, "मैं हर दिन अपने पिता के लिए 500 गेंद करता था, ढाई सौ इन स्विंगर्स और ढाई सौ आउट स्विंगर्स फेंकता था। ऐसे में मेरे लिए, यह नेचुरल टैलेंट जैसा कुछ भी नहीं है। यह सिर्फ समझने जैसा है कि आखिर आप क्या बनना चाहते हैं और वह बनने के लिए आपको हर एक दिन कड़ी मेहनत करनी होगी। जब मैं अपने करिअर में पीछे मुड़कर देखूं तो नहीं चाहूंगा कि मेरे मन में किसी तरह का कोई पछतावा हो।"

छोटे चाहर यानी राहुल चाहर को लेकर उनके चाचा यानी कोच चाहर ने बताया, "जब यह बहुत छोटा था, तब बिल्कुल दीपक के जैसे ही गेंदबाजी किया करता था, लेकिन मुझे एहसास हो गया कि यह उसकी विशेषता नहीं है और मैंने उसे लेग स्पिन करने को प्रोत्साहित किया। फिर बहुत समय तक, उसकी गेंदबाजी बहुत धीमी रही और मैं जानता था कि धीमी लेग स्पिन अब नहीं चलेगी। इसलिए, मैं उसे लगातार अपनी फिटनेस और गति में सुधार करने के लिए प्रेरित करता रहा। आज, एक रेग्युलर लेग स्पिनर के मुकाबले उसके गेंद की गति कम-से-कम 5 किलोमीटर प्रति घंटा अधिक है और यही है जो गेंदबाज़ी करने के दौरान उसे बड़ा एज देता है।"


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