स्ट्राइक रेट पर चेतेश्वर पुजारा का दर्द सामने आया, कहा- मैं सहवाग या वार्नर नहीं बन सकता
पुजारा ने कहा कि स्ट्राइक रेट को लेकर मुझ पर कप्तान कोच या किसी अन्य की तरफ से कोई दबाव नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। चेतेश्वर पुजारा का मानना है कि स्ट्राइक रेट को लेकर उनकी आलोचना अनुचित है और उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम प्रबंधन का उन्हें पूरा समर्थन हासिल है जो उनकी बल्लेबाजी शैली के महत्व को समझता है। अब जबकि फटाफट वाली क्रिकेट का जमाना है तब पुजारा स्ट्राइक रेट की परवाह किए बिना क्रीज पर टिके रहने को महत्व देते है। कोरोना के कारण पुजारा अभी परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। उनका मानना है कि हर कोई डेविड वार्नर या वीरेंद्र सहवाग नहीं बन सकता है।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि टीम के अंदर इसको लेकर ज्यादा बात होती है। मीडिया में इसका विश्लेषण भिन्न तरह से होता है लेकिन टीम प्रबंधन इस मामले में पूरी तरह से मेरा साथ देता है। कप्तान, कोच या किसी अन्य की तरफ से कोई दबाव नहीं है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब स्ट्राइक रेट की बात आती है तो लोग टीम प्रबंधन की राय की बात करने लगते हैं लेकिन मुझ पर इसका किसी तरह का दबाव नहीं होता है। टीम प्रबंधन मेरे खेल की शैली और उसके महत्व को समझता है।'
उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया पर (रणजी फाइनल के दौरान) सवाल किया गया कि मैं इतने रन बनाने के लिए इतना समय क्यों ले रहा है। क्या मैंने ऐसी बातों पर ध्यान दिया। नहीं, मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि टीम को जीत मिले। लोगों की एक व्यक्ति पर अंगुली उठाने की आदत होती है लेकिन यह केवल मुझ तक सीमित नहीं है। अगर आप किसी भी टेस्ट सीरीज पर गौर करो जहां मैंने थोड़ा अधिक समय लेकर रन बनाये हों वहां विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने भी उतनी ही अधिक गेंदें खेली।'
पुजारा ने कहा, 'मैं समझता हूं कि मैं डेविड वार्नर या वीरेंद्र सहवाग नहीं बन सकता लेकिन अगर कोई सामान्य बल्लेबाज क्रीज पर समय ले रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।' न्यूजीलैंड में सभी भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा और भारत टेस्ट सीरीज 0-2 से हार गया। पुजारा ने इस सत्र में पांच अर्धशतक लगाए हैं, लेकिन वह अपने 18 टेस्ट शतकों में कोई इजाफा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, 'लोग मुझसे बड़ी पारी की उम्मीद करते हैं। मैं हमेशा खुद के सामने शतक जड़ने की चुनौती रखता हूं, लेकिन टेस्ट में 50 के करीब के औसत का मतलब है कि आपने लगभग हर दूसरी पारी में 50 के आसपास रन बनाए। मैं हमेशा अपने लिए उच्च मानदंड तय करता हूं और मैं सत्र में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं लेकिन मैं इसे बुरा भी नहीं कह सकता हूं।'
न्यूजीलैंड में हार पर सोचने के बजाय पुजारा ऑस्ट्रेलियाई चुनौती पर ध्यान दे रहे हैं, विशेषकर वहां के पिछले दौरे में अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण सीरीजों में से एक है। वे (स्मिथ और वार्नर) अहम खिलाड़ी है, लेकिन अगर हम वैसा ही खेलते हैं जैसा पिछली सीरीज में खेले थे तो फिर हम उन्हें हरा सकते हैं।'