कपिल देव और युवराज सिंह जैसे दिग्गजों के शहर से क्रिकेट को बड़ी उम्मीदें -चेतन शर्मा
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव और युवराज सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के इस शहर से क्रिकेट जगत को हमेशा से बड़ी उम्मीदें रहती हैं। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेटर जब भी मैदान में उतरें तो वह कपिल देव और युवी को एक बार जरूर याद करें।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव और युवराज सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के इस शहर से क्रिकेट जगत को हमेशा से बड़ी उम्मीदें रहती हैं। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेटर जब भी मैदान में उतरें तो वह कपिल देव और युवी को एक बार जरूर याद करें। बीसीसीआइ की सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के चेयरमैन चेतन शर्मा ने इन्हीं शब्दों के साथ क्रिकेटर्स की हौसला अफजाई की।
उन्होंने कहा कि इस शहर से पहले इंडिया खेलने वाले क्रिकेटर कपिल देव थे, जिन्होंने क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाया और आखिरी युवराज सिंह थे। क्रिकेट स्टेडियम -16 ने जहां मेहनत करने वाले हर खिलाड़ी सम्मान दिलाया है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को तव्जो मिलेगी। इस दौरान उसने साथ यूटीसीए के प्रेसिडेंट संजय टंडन और तमाम पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
चैन्नई में खिलाड़ी करें अपना बेहतर प्रदर्शन
चेतन शर्मा ने कहा कि पिछले रणजी सीजन में चंडीगढ़ का प्रदर्शन शानदार रहा था, उन्होंने टीम के हर मैच को गौर से देखा था। इस सीजन की शुरूआत सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से हो रही है। चंडीगढ़ की टीम चैन्नई में खेलेगी, जहां पर बीसीसीआइ सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति का एक सदस्य जरूर होगा। जो आपके प्रदर्शन पर पैनी नजर रखेगा। प्लेट और एलीट ग्रुप बराबर हैं। मैच में हार जीत होती रहती है। आपका प्रदर्शन कैसा रहा, यही मायने रखता है। टीम इंडिया में आपकी काबिलियत ही आपको जगह दिलाती है।
इसी स्टेडियम ने 17 साल की उम्र में करवाया था डेब्यू
चेतन शर्मा ने बताया कि वह 10 साल की उम्र में डीएवी स्कूल में पढ़ाई के लिए आ गए थे। क्रिकेट कोच स्वर्गीय डीपी आजाद ने न सिर्फ उन्हें तराशा, बल्कि उनकी खूब हौसला अफजाई भी की। आजाद का उनपर इस कदर भरोसा था कि जब वह 15 साल के थे, तभी से वह सबको बताते थे कि अगले दो तीन सालों में यह लड़का टीम इंडिया में होगा। उनके इस भरोसे ने मेरे सपनों को पंख लगाए। हमारे प्रिंसिपल ने भी हमें खूब स्पोर्ट किया था। कपिल देव जैसे मेंटर मिले, तो मेरे सपनों को पंख लग गए और मैंने 17 साल की उम्र में टीम इंडिया में डेब्यू कर लिया था।
चेतन ने सुनाया क्रिकेट स्टेडियम -16 का रोमांचक किस्सा
क्रिकेट स्टेडियम -16 के बारे में बात करते हुए चेतन शर्मा ने बताया कि कोच डीपी आजाद को प्रेक्टिस सेशन में देरी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं थी। खिलाड़ी जितने मिनट लेट होते उतने दिन उन्हें बल्लेबाजी और गेंदबाजी से दूर रखा जाता। देरी से आने वाले खिलाड़ी इन्हीं सीढ़ियों पर बैठते थे। जहां प्रेक्टिस के दौरान वह उन्हें भी पांच से छह बार यह सजा मिली है, वो सजा आज भी इन सीढ़ियों को देखकर ताजा हो जाती है।