IPL को घरेलू क्रिकेट से जोड़ने पर भड़के BCCI सचिव जय शाह, बोले- तुलना करना जायज नहीं
BCCI के सचिव जय शाह ने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया है जिनका कहना है कि बीसीसीआइ आइपीएल को आयोजित कराने के लिए ही तैयार रहती है घरेलू क्रिकेट की ओर नहीं देखती। बीसीसीआइ इस साल कई टूर्नामेंट कराने वाली है।
दुबई, पीटीआइ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के सचिव जय शाह ने कहा कि 60 इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल मैचों और 2000 से अधिक घरेलू मैच के आयोजन के बीच का अंतर विशाल है। जय शाह ने बीसीसीआइ की अनुचित आलोचना करने वालों को जवाब दिया है और उन बेबुनियाद बातों और दावों को खारिज कर दिया कि बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी जैसे राष्ट्रीय टूर्नामेंटों पर पैसों की कमाई वाले आयोजन यानी आइपीएल को प्राथमिकता दी।
पिछले साल रणजी ट्रॉफी के साथ-साथ जूनियर क्रिकेट का आयोजन COVID-19 महामारी के कारण नहीं किया गया था, क्योंकि हजारों खिलाड़ियों और सहयोगी कर्मचारियों के लिए जैव-सुरक्षित वातावरण बनाना और उसका परिचालन करना काफी कठिन था। इसी वजह से पिछले सत्र में कुछ ही राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित हुए थे। हालांकि, इस बीच घेरलू खिलाड़ियों की आमदनी रुक गई, लेकिन बीसीसीआइ ने कैश-रिच लीग आइपीएल आयोजित कराया तो बोर्ड को आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसका जवाब जय शाह ने दिया है।
गल्फ न्यूज से बात करते हुए जय शाह, जो इस समय मस्कट और दुबई में आइपीएल 2021 के बाकी बचे मैच और फिर टी20 विश्व कप की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे हैं, उन्होंने कहा है, "मुझे लगता है कि आलोचना अनुचित और नाजायज है। 2020 में भी महामारी के बीच में, हमने सभी सावधानी बरतते हुए सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट, विजय हजारे टूर्नामेंट और सीनियर महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट का आयोजन किया।"
शाह ने कहा कि दो टूर्नामेंटों के बीच मैचों की संख्या और आवश्यक लॉजिस्टिक अतुलनीय हैं। उन्होंने कहा, "यदि आइपीएल की तुलना अन्य भारतीय घरेलू टूर्नामेंटों से की जाए तो यह उचित आकलन नहीं होगा। आइपीएल में एक फ्रेंचाइजी मॉडल और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों, कोच और सपोर्ट स्टाफ के लिए एक मंच है, जहां वे आकर अपना कौशल दिखा सकते हैं। भारतीय घरेलू सत्र में 2000 से अधिक मैच होते हैं, जबकि आइपीएल में 60 मैच हैं। भारत जितना बड़ा और विविधतापूर्ण क्रिकेट सेट-अप है, उस लिहाज से पूरे सत्र का संचालन करना आसान नहीं है, जब इतने सारे राज्य कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं।"
आइपीएल के मामले में, यह हमेशा सात सप्ताह का होता है, जबकि पुरुषों, महिलाओं और आयु वर्ग के क्रिकेट के साथ पूरे घरेलू सत्र में 38 टीमों के साथ पूरा होने में लगभग छह महीने लगते हैं। जय शाह ने आगे कहा, "आपको पूरे घरेलू सीजन और इसमें शामिल यात्रा में लगने वाले समय को भी ध्यान में रखना होगा। वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, जो कभी नहीं होनी चाहिए। ऐसे माहौल में आयु वर्ग के टूर्नामेंट और युवा क्रिकेटरों के करियर को खतरे में डालना आदर्श नहीं है। हालांकि, स्थिति में सुधार के साथ, हमने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए आयु समूहों में 2127 घरेलू खेलों के पूरे सीजन की घोषणा की है।"