टूट गया अजिक्य रहाणे के सब्र का बांध, कहा छोटे प्रारूपों में भी मिले खेलने का मौका
रहाणे ने कहा कि पिछली तीन या चार वनडे सीरीज में मेरा औसत लगभग 50 के करीब रहा इसके बावजूद मुझे टीम से ड्रॉप कर दिया गया।
इंदौर। भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज इन दिनों क्रिकेट से छोटे पारूप में भारत के लिए नहीं खेल पा रहे हैं हालांकि वो टेस्ट टीम के अहम सदस्य हैं। रहाणे ने एक वर्ष के ज्यादा वक्त से भारत के लिए वनडे मैच नहीं खेला है। भारत के लिए 90 वनडे मैच खेल चुके रहाणे ने फरवरी 2018 में टीम इंडिया के लिए आखिरी वनडे मैच दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध सेंचुरियन में खेला था। वो विश्व कप में खेलेंगे या नहीं इस पर फिलहाल तो सस्पेंस ही बना हुआ है लेकिन रहाणे को पूरी उम्मीद है कि वो विश्व कप टीम का हिस्सा बनेंगे और इंग्लैंड जाएंगे। रहाणे अब ये भी चाहते हैं कि उन्हें वनडे टीम में खुद को साबित करने का पर्याप्त मौका मिले।
रहाणे ने कहा कि मैं आक्रामक बल्लेबाजी करता हूं लेकिन कम बोलने वाला शख्स हूं। मुझे ज्यादा बातें करना पसंद नहीं है और मैं अपने बल्ले को ज्यादा बोलने देता हूं, पर कई बार सच कहना जरूरी हो जाता है। मेरा ये मानना है कि टीम सबसे पहले है और मैं ने हमेशा टीम मैनेजमेंट व चयनकर्ताओं के फैसले का सम्मान किया है और ये जारी रहेगा। एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे लगता है कि टीम के लिए कोई अच्छा करे इसके लिए उसे मौके जरूर मिलने चाहिए।
रहाणे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ व घरेलू सीरीज में कंगारू टीम के लिए ओपनिंग बल्लेबाजी की थी और अच्छा प्रदर्शन किया था वहीं दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्हें मध्यक्रम में बल्लेबाजी का मौका मिला था। इस बदलते क्रम को लेकर रहाणे ने कहा कि मैं इससे निराश नहीं हूं और निराश होने से नकारात्मकता आती है। ये फैसला करने का हक सेलेक्टर्स का है क्योंकि वो सबसे अच्छे जज हैं। आप अगर मेरी पिछली तीन या चार सीरीज देखें तो मेरा औसत 45 से 50 के करीब था। इसके बाद भी मुझे ड्रॉप कर दिया गया। फिर मैं घरेलू क्रिकेट में आया और अच्छी बल्लेबाजी की। भारतीय वनडे टीम में वापसी पर मैं निराश नहीं हूं क्योंकि मैं सकारात्मक रहना चाहता हूं। इसे लेकर मैं नकारात्मक नहीं होना चाहता।