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आइपीएल व वनडे में धमाल, अब बस मिश्रा की एक ही ख्वाइश

हरारे। अमित मिश्रा, यह भारतीय टीम का वह स्पिनर है जो बार-बार अपनी वापसी करने की क्षमता को साबित करता आया है। उन्हें कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरअंदाज किया गया लेकिन हर बार वह आलोचकों का मुंह बंद करने में सफल रहे और रविवार को जिंबॉब्वे के खिलाफ हुआ मुकाबले ने भी कुछ यही बयान किया जहां मिश्रा ने चार अहम विकेट चटकाए। इस खिलाड़

By Edited By: Published: Mon, 29 Jul 2013 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2013 09:38 PM (IST)
आइपीएल व वनडे में धमाल, अब बस मिश्रा की एक ही ख्वाइश

हरारे। अमित मिश्रा, यह भारतीय टीम का वह स्पिनर है जो बार-बार अपनी वापसी करने की क्षमता को साबित करता आया है। उन्हें कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरअंदाज किया गया लेकिन हर बार वह आलोचकों का मुंह बंद करने में सफल रहे और रविवार को जिंबॉब्वे के खिलाफ हुए मुकाबले ने भी कुछ यही बयां किया जहां मिश्रा ने चार अहम विकेट चटकाए। इस खिलाड़ी की मानें तो आइपीएल और वनडे तो ठीक है, लेकिन उन्हें असल में इंतजार है दोबारा टेस्ट खेलने का। मिश्रा ने आखिरी बार दो साल पहले टेस्ट खेला था।

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मिश्रा ने आइपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और घरेलू क्रिकेट में भी, हालांकि उन्हें हर बार टीम में शामिल होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है। फिलहाल यह स्पिनर अपने चरम पर नजर आ रहा है। जिंबॉब्वे में चल रही वनडे सीरीज में अब तक 15.11 की रन औसत से नौ विकेट चटका चुके मिश्रा का यह प्रदर्शन किसी भी भारतीय द्वारा जिंबॉब्वे में द्विपक्षीय सीरीज के दौरान अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले उन्होंने उन्होंने किसी सीरीज में 10 या उससे ज्यादा विकेट सिर्फ एक ही बार लिए हैं और वह थे 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हीं के घर में। खैर, यह तो हुई उनके फॉर्म की बात लेकिन अगर मिश्रा की सोच के बारे में बात करें तो उनकी नजर तो सिर्फ और सिर्फ टेस्ट क्रिकेट पर टिकी हुई हैं। वह किसी भी हाल में दोबारा टेस्ट टीम में आना चाहते हैं।

मिश्रा ने कहा, 'मैं टेस्ट टीम में नहीं हूं। अभी मेरे पास दो मैच बचे हैं खुद को साबित करने के लिए, फिर बाकी सेलेक्टर्स पर निर्भर है। मैं काफी लंबे समय से इसका इंतजार कर रहा था और अब यह मेरे लिए काम कर रहा है। मैंने अपनी गुगली और वेरियेशंस पर काफी मेहनत की है और इसके नतीजे अच्छे रहे हैं। मैंने डंकन फ्लेचर और ट्रेवर पेनी से काफी बात की है, और खुद की गेंदबाजी पर जमकर काम किया है। सभी लोग भारतीय टीम से खेलना चाहते हैं और सभी घरेलू क्रिकेट में अच्छा कर रहे हैं, ऐसे में खिलाड़ियों के लिए मुकाबला कांटे का है जो टीम के पक्ष में जाता है।'

2008 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज करने वाले अमित मिश्रा ने अब तक 13 टेस्ट मैचों में 43.30 की औसत से 43 विकेट हासिल किए हैं और अब इस खिलाड़ी की ख्वाइश दोबारा भारतीय टेस्ट टीम में लौटने की है। देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता उनके मौजूदा फॉर्म को टेस्ट स्तर पर भी तवज्जो देने के पक्ष में हैं या फिर नहीं।

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