Chhattisgarh: धान खरीद केंद्र को लेकर गरियाबंद के ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम, तीन पुलिसकर्मी घायल
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में धान खरीद केंद्र को लेकर प्रदर्शन किए जा रहें हैं। यह प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया के इसमें तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। इसका विडियो भी खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं
गरियाबंद, पीटीआई । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में धान खरीद केंद्र को लेकर प्रदर्शन किए जा रहें हैं। यह प्रदर्शन इतना हिंसक हो गया के इसमें तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। इसका विडियो भी खूब वायरल हो रहा है। इस घटना के वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं और सरकारी वाहनों को निशाना बना रहे हैं।
प्रदर्शनकारीयों ने पुलिसकर्मियों पर किया पथराव
इस मामले के बारे में बताते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना सोमवार को हुई जब कंडेकला गांव के निवासियों ने ध्रुवा गुड़ी गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 130 पर चक्का जाम कर दिया। उन्होंने बताया कि
दरअसल, कंडेकला के निवासी मांग कर रहे थे कि वर्तमान में दो किमी दूर भेजिपदार में स्थित एक धान खरीद केंद्र को उनके गांव में स्थानांतरित कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी अचानक पथराव करने लगे। चक्का जाम और पथराव के कारण कुछ निजी वाहनों को भी नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों ने प्रशासन को पहले भी दिया था ज्ञापन
बता दें कि घटना के वीडियो में प्रदर्शनकारियों को एक पुलिस वाहन को पलटते हुए भी दिखाया गया है। अधिकारी ने कहा कि पथराव में घायल पुलिसकर्मियों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है। इसके बाद मौके पर अतिरिक्त बल भेजे गए और स्थिति को नियंत्रित किया गया। पुलिस अधिकारी ने यह दावा किया कि ग्रामीणों ने पहले भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था कि उन्हें भेजाईपदर केंद्र पर धान बेचने में कोई समस्या नहीं है।
ग्रामीणों पर लगाई गई धाराएं
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 147 (दंगे), 186 (सरकारी कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 294 (अश्लील हरकतें और गाने) के तहत तीन प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई। भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और सार्वजनिक संपत्ति (नुकसान की रोकथाम) अधिनियम के तहत भी आगे की जांच चल रही है।
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