जोगी की कांफ्रेंस में गैंगरेप पीडि़ता के पिता की पहचान उजागर
बिलाईगढ़ की एक गैंगरेप पीडि़ता को इंसाफ दिलाने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के सुप्रीमो अजीत जोगी मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुए।
नईदुनिया, रायपुर। बिलाईगढ़ की एक गैंगरेप पीडि़ता को इंसाफ दिलाने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के सुप्रीमो अजीत जोगी मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुए। जोगी के सरकारी निवास सागौन बंगला में आयोजित इस प्रेसवार्ता में मंच पर जोगी के साथ पीडि़ता और उसके परिजन भी बैठे थे। जोगी ने पीडि़तों के हवाले से आरोप लगाया कि भठगांव चौकी पुलिस आरोपियों को पकडऩे की बजाए इन्हें ही धमका रही है।
शनिवार को हुई इस घटना की अब तक रिपोर्ट नहीं लिखी गई है। इसके बाद जोगी ने पीडि़ता को उसकी बात रखने के लिए सामने किया। इससे पहले जोगी ने मीडिया से कहा कि पीडि़ता नकाब में है, उसका नाम न पूछें और न ही पहचान उजागर करें। हालांकि प्रेसवार्ता की शुरुआत ही पीडि़ता के गांव के नाम से की गई थी। मंच पर मौजूद पीडि़ता के पिता और मामा को बात रखने के लिए माइक दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री की इस प्रेसवार्ता को लेकर कानून के जानकारों के बीच बहस का दौर शुरू हो गया। वरिष्ठ वकील सीजेसीजे के प्रवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि पीडि़ता की पहचान किसी भी तरह से जाहिर नहीं की जा सकती। जब उन्हें जोगी के प्रेसवार्ता की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि चूंकि पीडि़ता वहां मौजूद थी, इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है।
बॉर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामनारायण व्यास ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में ऐसा करना एक तरह से पीडि़ता की पहचान उजगार करने जैसा ही है। कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता। यह पीडि़त बच्ची और उसके परिजनों के साथ अन्याय है। जोगी जैसे व्यक्ति से ऐसी चूक की उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि अभी सप्ताहभर पहले ही अमित जोगी पर भी एक रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करने का आरोप लग चुका है।