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नक्सलियों ने किया नोट खपाने के लिए जन-धन योजना के खातों का इस्तेमाल

बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के नोट खपाने की कोशिश पर पुलिस ने गहरी चोट की है। अब तक एसआईबी ने 100 से अधिक खातों में 20 करोड़ से अधिक की राशि सीज कर दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 03:46 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 03:58 AM (IST)
नक्सलियों ने किया नोट खपाने के लिए जन-धन योजना के खातों का इस्तेमाल

रायपुर। बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के नोट खपाने की कोशिश पर पुलिस ने गहरी चोट की है। अब तक एसआईबी ने 100 से अधिक खातों में 20 करोड़ से अधिक की राशि सीज कर दी है। पुलिस के मुताबिक अपनी राशि खपाने के लिए नक्सली ग्रामीणों के खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक नोट बंदी के बाद नक्सलियों की कमर टूटने लगी है। वे पुरानी करेंसी खपाने के चक्कर में ग्रामीणों केे खाते इस्तेमाल कर रहे हैं।
पुलिस ग्रामीणों के खातों पर नजर रख रही है। इतना ही नहीं, तकरीबन 100 से ज्यादा बड़े संदेहास्पद ट्रांजेक्शनों की जांच की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने नोट खपाने के लिए जन-धन योजना के खातों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
पुलिस का कहना है कि ये खाते महीनों से खाली पड़े थे और उनमें अचानक रकम डाली जा रही है। जांच के दौरान जमा की गई राशि का हिसाब लिया जा रहा है।
25 से 30 हजार हाे रहे जमा
पुलिस के मुताबिक कई जन-धन योजना के खातों में 25 से 30 हजार रुपए डाले गए हैं। ऐसे सभी खाताधारकों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि और हिसाब नहीं मिलने पर खाता सीज किया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक नक्सली नेटवर्क और उनकी मदद करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
51 बैंकों को आयकर का नोटिस, लेनदेन का ब्योरा मांगा
आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य के 51 बैंकों को नोटिस जारी कर 9 नवंबर के बाद के सभी लेन-देन की पूरी जानकारी मांगी है। रायपुर कमिश्नर ने राष्ट्रीयकृत, निजी और सहकारी कुल 51 बैंकों से ये जानकारी मांगी है। यह जानकारी उस इनपुट के आधार पर मांगी गई है, जिसमें बैंकों ने अधिकारी-कर्मचारियों ने एक कॉकस बनाकर कमीशन लेकर 500-1000 के नोटों की पलटी की। बताया गया सबसे ज्यादा गड़बड़ी सहकारी बैंकों में हुई है। इसका खुलासा सबसे पहले दैनिक भास्कर ने सोमवार के अंक में किया था। छत्तीसगढ़ के मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमारिया ने कहा कि हमने बैंकों को नोटिस भेजकर उनके ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है। लेकिन यह एक सतत् प्रक्रिया के तहत किया गया है। इस मामले में सहकारी बैंकों में जमा हुए रकम पर भी नजर रखी जा रही है। उनसे डिटेल मांगे गए हैं। सूत्रों के अनुसार इन 51 बैंकों को अपनी सभी 2600 शाखाओं के लेनदेन का हिसाब देना होगा। विभाग को अंदेशा है कि इन बैंकों में गलत तरीके से काला धन जमा किया गया है या नोटों की अदला-बदली की गई है।
इन कारणों से मांगा गया डिटेल

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जिन लोगों ने जमा या विड्राल करने पैनकार्ड की फोटोकापी मे रकम नहीं लिखी, ऐसी फोटो कापियों का बैंक अमले के द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया हो। बैंकों के द्वारा एक ही व्यक्ति के अलग-अलग शाखाओं में आईडी खुलवाकर उनमें जमा-निकासी कराई गई हो। बैंक कर्मा या उनके करीबी लोग, अन्य लोगों की आईडी लाकर उनके नाम से दूसरों की रकम जमा कराई गई ।
बैंकों में सरकारी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग काउंटर
राज्य सरकार ने सरकारी और अर्धशासकीय कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए सभी बैंकों को एक से पांच दिसम्बर तक अपने-अपने बैंकों में अलग से काउंटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। प्रभारी मुख्य सचिव एन.के. असवाल ने इस आशय के निर्देश बुधवार को मंत्रालय से सभी बैंकों के राज्य स्तरीय प्रमुख अधिकारियों को जारी किए हैं। उन्होंने इस संबंध में समस्त कमिश्नरों और कलेक्टरों तथा राज्य स्तरीय - बैंकर्स समिति के समन्वयक को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेश दिया है। प्रदेश में पौन तीन लाख कर्मचारी, पौने दो लाख शिक्षाकर्मी और 80 हजार के आसपास पेंशनर्स हैं, जो ये लाभ ले सकेंगे।
30 दिसंबर तक दो गुना हो सकती है रकम
बस्तर में हमने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। वे लगातार पुरानी करेंसी खपाने की कोशिश कर रहे हैं, हम हर तरह के ट्रांजेक्शन पर नजर रख रहे हैं। अब तक 100 खातों में 20 करोड़ से ज्यादा की राशि सीज की गई है। 30 दिसंबर तक यह राशि दो गुना होने की उम्मीद है -डीएम अवस्थी, स्पेशल डीजी नक्सल।

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