रायपुर : इन्होंने बचपन में बेचा लड्डू, आज तीस करोड़ का टर्न ओवर
उत्तमचंद ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है। वे मजदूरों का दर्द जानते हैं और सरकार के लेबर रेट से ज्यादा इनके मजदूरों को मिलता है।
अगर आप में कुछ कर गुजरने का हौसला और दिली ख्वाहिश है तो कुछ भी असंभव नहीं है। अपने शब्दकोश से असंभव शब्द हटा दीजिए। दृढ़ इच्छा-शक्ति है तो संसार की कोई ताकत आपको टारगेट तक पहुंचने से रोक नहीं सकती। बस आपको अपनी मंजिल मालूम होनी चाहिए। कुछ ऐसा अनुकरण शहर के उद्योगपति उत्तमचंद तारवानी ने पेश किया है।
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उन्होंने बचपन में सड़कों पर कड़ी लड्डू, बर्फ का गोला बेचा और आज चार फैक्ट्रियों के मालिक हैं। उत्तमचंद इस कामयाबी का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छा-शक्ति और सरलता को देते हैं। उनका मानना है कि आपको अगर कुछ पाना है तो पूरे दिल के साथ उसके पीछे लगे रहिए और तब तक न छोड़िए, जब तक आपको सफलता न मिल जाए।
साथ ही इस बात का ध्यान हमेशा रखें कि शिखर पर पहुंचने के बाद कभी भी अपने संघर्ष के दिनों में साथ देने वाले लोगों को न भूलें। काम में ईमानदारी बरतने के साथ ही वे अपने कर्मचारियों को एक परिवार की तरह मानते हैं। इसी तरह मजदूरों को भी अपना अहम हिस्सा मानते हैं। इसके साथ ही यह ध्यान रखते हैं कि किसी के भी साथ भेदभाव वाला बर्ताव न हो। सभी के हितों का पूरा ध्यान रखते हैं।
ऐसा रहा कामयाबी का सफर
संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उत्तमचंद बताते हैं कि जब वे 10 साल के थे, तब सर से पिता का साया उठ गया। घर की जिम्मेदारी भी उनके नाजुक कंधों पर आ गई। बड़े भाई-बहन भी काम करते थे। इसके बाद उन्होंने सड़कों पर कड़ी लड्डू बेचने का काम शुरू किया और गर्मियों में ठेले पर बर्फ का गोला भी बेचा। इसके साथ दोपहर में ऑफिस-ऑफिस जाकर टिफिन भी बांटने का काम किया।
15 साल की उम्र में एक साबुन फैक्ट्री में काम किया। इसके बाद ही तय किया कि वे अपनी फैक्ट्री शुरू करेंगे और ऑयल से साबुन बनाने का काम शुरू करने का मन बनाया। साल 1995 में उन्होंने उधारी से प्लांट डाला और साबुन बनाने का काम शुरू किया। शुरुआत में कुछ नुकसान भी हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने काम में लगे रहे। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और आज चार फैक्ट्री के मालिक हैं।
हजारों को दिया रोजगार
उत्तमचंद ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है। वे मजदूरों का दर्द जानते हैं और सरकार के लेबर रेट से ज्यादा इनके मजदूरों को मिलता है। उत्तमचंद का मानना है कि कभी भी किसी मेहनतकश इंसान का पसीना सूखने से पहले उसका पूरा मेहनताना मिल जाना चाहिए। उनकी फैक्ट्री के साबुन साउथ के साथ ही बंगाल भी सप्लाई होते हैं और धीरे-धीरे उनका कारोबार और रफ्तार भी पकड़ता जा रहा है। उनके सरल स्वभाव और सबको साथ लेकर चलने के स्वभाव के कारण हर कोई उनकी तारीफ करता है और उनके साथ खड़ा रहता है।
काम के प्रति रहें ईमानदार
उत्तमचंद का मानना है कि हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदार रहना चाहिए। आपकी ईमानदारी और कड़ी मेहनत ही आपको सफलता दिलाती है। इन सबके साथ ही अपने अंदर किसी भी प्रकार के घमंड की भावना नहीं आनी चाहिए और सबके साथ सरलता से पेश आना चाहिए, तभी आपको सफलता मिलेगी। सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि ईश्वर पर पूरे भरोसे के साथ ही हमेशा अपने ऊपर विश्वास बनाए रखें। इससे निश्चित तौर पर सफलता आपके कदम चूमेगी।
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