रायपुर : सकारात्मक माहौल से मिलती है बाजार को ताकत
प्रशासन तक पहुंच आसान होने के कारण कारोबारी समस्याओं के निराकरण में तेजी आई है। नए व्यापार-व्यवसाय की शुरुआत भी पहले की अपेक्षा आसान हो गई है।
अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में भी रायपुर प्रदेश के प्रमुख आर्थिक शहरों में शामिल था। यहां के उद्योग और व्यापार प्रदेश ही नहीं, देश में भी पहचान स्थापित किए हुए थे। राजधानी के प्रतिष्ठित उद्योगपति महेश कक्कड़ का कहना है कि रायपुर के राजधानी बनने से शहर की आर्थिक सम्पन्न्ता बढ़ी है। सितारा होटल, बड़े-बड़े मॉल, मल्टीप्लेक्स और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग शहर की संपन्न्ता और समृद्धि का खुद-ब-खुद बखान कर रहे हैं।
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शहर का दायरा बढ़ा है इससे व्यापार-व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन तक पहुंच आसान होने के कारण कारोबारी समस्याओं के निराकरण में तेजी आई है। नए व्यापार-व्यवसाय की शुरुआत भी पहले की अपेक्षा आसान हो गई है। कक्कड़ व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी भी रहे हैं और पुराने रायपुर से अब तक के औद्योगिक विकास के गवाह हैं।
व्यापार से जुड़े लोगों की प्रवृत्ति सकारात्मक
कक्कड़ कहते हैं कि छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय राज्य है। स्वाभाविक है कि इसकी राजधानी में रहने वाले लोग भी अमन पसंद है। शहर की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाला व्यवसायी वर्ग की मानसिकता बेहद सकारात्मक है। यहां लोग विवाद में उलझने और उसे कोर्ट-कचहरी तक खींचने के बजाय उसका आपसी संवाद से समाधान करना उचित समझते हैं। शहर की अर्थव्यवस्था के विकास का यह सबसे सकारात्मक पहलू है। इससे सकारात्मक असर व्यवसाय पर पड़ता है।
अर्थव्यवस्था की रीढ़ है उद्योग
शहर के आसपास स्थित उद्योग यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि ये उद्योग इस शहर की अर्थव्यवस्था में तब से अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं, जब यह राजधानी नहीं थी। शहरी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा उद्योगों से जुड़ा है। उद्योग से जुड़े कारोबार तो हैं ही, वहां काम करने वाले भी अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
आईटी के क्षेत्र में दिख रही नई संभावना
रायपुर अपार संभावनाओं वाला शहर है। यहां कई तरह के उद्योग और व्यापार चल रहे हैं। अब सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर में नई संभावना नजर आ रही है। फूड प्रॉसेसिंग की भी बेहतर संभावना बन रही है। इससे अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिल सकती है।
...लेकिन अब भी काम की जरूरत
विकास की कोई सीमा नहीं हो सकती, एक पायदान पर पहुंचते ही विकास के दूसरे रास्ते दिखने लगते हैं, यह अनंत आकाश की तरह है। इसी वजह से जब हम दूसरे राज्यों की राजधानियों से इसकी तुलना करते हैं तो लगता है कि हम अभी पीछे हैं, विकास की अभी बहुत संभावना है। यहां के बाजारों को विकसित और सुविधा संपन्न करने की जरूरत है। यह सुविधा न केवल कारोबारी सहूलियत के लिए, बल्कि ग्राहक और आम लोगों के लिए होनी चाहिए।
बाजारों का विकेन्द्रीकरण की रफ्तार भी धीमी है। इसी शहर में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो शाही-विवाह जैसे बड़े आयोजनों की खरीदी के लिए अब मेट्रो शहरों के बाजारों का रुख करने लगा है। इन्हें रोकने के लिए यहां उन शहरों की तरह बाजार विकसित किया जाना चाहिए।
महेश कक्कड़, प्रसिद्ध उद्योगपति
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