Lon Varratu Campaign: हत्या और आगजनी के 9 मामलों में शामिल माओवादी ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
Lon Varratu Campaign लोन वरातु के तहत दंतेवाड़ा पुलिस ने कम से कम 1600 माओवादियों के मूल गांवों में पोस्टर और बैनर लगाए हैं जिनमें से ज्यादातर के सिर पर नकद पुरस्कार हैं और उनसे मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।
दंतेवाड़ा, पीटीआई। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक माओवादी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राजू लेकाम (35) पड़ोसी बीजापुर जिले के भाईरामगढ़ इलाके में माओवादियों की जनताना सरकार इकाई के प्रमुख के रूप में सक्रिय था और उनके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने यहां पुलिस के सामने आकर कहा कि वह पुलिस के रिहैबिलिटेशन ड्राइव 'लोन वरातु' से प्रभावित हैं और माओवादी विचारधारा से निराश हैं।
अब तक 592 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
अधिकारी ने बताया कि वह एक दशक से अधिक समय से प्रतिबंधित संगठन से जुड़ा हुआ था और हत्या, पुलिस टीमों पर हमला और क्षेत्र में रेलवे पटरियों को उखाड़ फेंकने सहित कम से कम नौ घटनाओं में शामिल था। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण बस्तर में 2013 से 2020 के बीच अलग-अलग घटनाओं में लेकाम चार लोगों की हत्या के सिलसिले में वांछित था, जिन पर उसने पुलिस मुखबिर के रूप में काम करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि जून 2020 में शुरू किए गए पुलिस के ‘लोन वरातू’ अभियान के तहत अब तक 592 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। 'लोन वरातु' के तहत दंतेवाड़ा पुलिस ने कम से कम 1,600 माओवादियों के मूल गांवों में पोस्टर और बैनर लगाए हैं, जिनमें से ज्यादातर के सिर पर नकद पुरस्कार हैं और उनसे मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को उनके पुनर्वास के लिए विभिन्न विषयों में कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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