अजीत जोगी को कांग्रेस में लाने के प्रयास
बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक का कहना है कि छाया वर्मा जब मुझसे मिलने आई थी, तब उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को कांग्रेस में लाने के प्रयास चल रहे हैं। मुझे उनकी बात पर उस वक्त आश्चर्य व अचंभा हुआ था। लेकिन जब समन्वय समिति की बैठक में चरणदास महंत ने वोरा और हरिप्रसाद से पूछा कि क्या सही में जोगी को वापस लाने की तैयारी है।
रायपुर। बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक का कहना है कि छाया वर्मा जब मुझसे मिलने आई थी, तब उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को कांग्रेस में लाने के प्रयास चल रहे हैं। मुझे उनकी बात पर उस वक्त आश्चर्य व अचंभा हुआ था। लेकिन जब समन्वय समिति की बैठक में चरणदास महंत ने वोरा और हरिप्रसाद से पूछा कि क्या सही में जोगी को वापस लाने की तैयारी है। तब मुझे छाया वर्मा की मेरे घर में कही गई बात याद आ गई। उन्होंने बुधवार को पत्रवार्ता में इस बात की जानकारी दी।
कौशिक ने मीडिया को बताया कि छाया वर्मा मुझसे मिलनी आई थी। वे राज्यसभा की सदस्य हैं। महिला हैं। मेरे घर आईं तो उनका मैंने शाॅल व श्रीफल से सम्मान किया, लेकिन उनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि मैं उनका दूर का रिश्तेदार हूं, जो बिलकुल गलत है। उनकी मेरी दूर-दूर तक कोई रिश्तेदारी नहीं है। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वे मुझे 2018 में टिकट दिलवाएंगी। मेरे लिए प्रचार करने भी आएंगी। यह सुनकर मुझे घनघोर आश्चर्य हुआ। न तो वे प्रदेश अध्यक्ष हैं, न ही नेता प्रतिपक्ष और न ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पंक्ति में उनका नाम आता है। अभी चुनाव में दो साल बचे हुए हैं। अभी से वे टिकट दिलाने की बात किसके कहने पर कर रही हैं।
हालांकि मैंने उनसे यह जरूर कहा कि मैं जोगी जी की विचारधारा से प्रभावित हूं। उन्होंने मेरे लिए चुनाव प्रचार भी किया था। मेरी जीत में उनका बहुत बड़ा योगदान है। इसके बाद ही उन्होंने मुझसे कहा था कि जोगी जी को वापस कांग्रेस में लाने के प्रयास चल रहे हैं। इस पर मैं यह कहना चाहता हूं कि आखिर किसके कहने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं, विधायकों और पदाधिकारियों के बीच झूठी बातें प्रचारित की जा रही है। अगर जोगी जी को कांग्रेस में लाने का प्रयास किया जा रहा है तो इसका खुलासा होना चाहिए।
2018 तक कांग्रेस में रहूंगा
कौशिक ने दो टूक शब्दों में कहा कि मुझे जनता ने पांच साल के लिए चुना है। इसलिए मैं 2018 तक कांग्रेस पार्टी में ही रहूंगा। समन्वय समिति की बैठक में मुझे नोटिस देने की बात हुई है, लेकिन मेरे पास किसी तरह का कोई नोटिस नहीं आया है। जब आएगा तब मैं जवाब दूंगा।
आरके राय का पार्टी से निलंबन अंदरूनी मामला है। इस पर कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन उनकी इस बात से सहमत हूं कि पिछड़ा, आदिवासी और दलित वर्ग छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक है। प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से हैं तो कार्यकारी अध्यक्ष एक आदिवासी और एक दलित वर्ग से होना चाहिए। हाईकमान को अपना वादा पूरा करना चाहिए, नहीं तो ये दोनों वर्ग नाराज हो जाएंगे।