नक्सलियों ने कैंप बनाने के लिए काटे जंगल
रायपुर [ब्यूरो]। बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों ने बडे़ पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर कैंप बनाए हैं। सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त हवाई सर्वे में यह खुलासा हुआ। पुलिस टीम ने तीन दिन तक अबूझमाड़ से लेकर गढ़चिरौली के जंगलों का हवाई सर्वे किया। इसमें इंद्रावती नदी के किनारे बड़े पैमाने पर कटे पेड़ और छोटे-छोटे कैंप नजर आए हैं। पुलिस अधिकारी इन्हें नक्सलियों के कैंप मान रहे हैं। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने पर बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पैराटूपिंग के माध्यम से जवानों को उतारा जाएगा। इसी कड़ी में हवाई सर्वे किया गया है।
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज ने बताया अबूझमाड़ और महाराष्ट्र सीमा से लगे ग़़ढचिरौली के जंगलों में पेड़ काटने के प्रमाण मिले हैं। अबूझगा़़ड में नक्सलियों को सबसे ताकतवर माना जाता है। इस क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों और छत्तीसग़़ढ पुलिस की कार्रवाई की तैयारी है। प्रदेश में अर्धसैनिक बलों के 32 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। बीएसफ के एक हजार अतिरिक्त जवान भी जुलाई में तैनात किए गए हैं। साथ ही आईटीबीपी की सात बटालियन राजनांदगांव क्षेत्र में है।
सरेंडर करने वालों से मिल रही जानकारी
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से भी पुलिस पूछताछ में प्रभाव क्षेत्र की जानकारी ली जा रही है।
छत्तीसगढ़ का बीजापुर एवं सुकमा और महाराष्ट्र के ग़़ढचिरौली में नक्सलियों का सबसे ज्यादा प्रभाव है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इन क्षेत्रों को ही सबसे संवेदनशील मानकर बडे़ पैमाने पर कार्रवाई की प्लानिंग के निर्देश भी दिए हैं।
बस्तर में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एरिया कमेटी मेंबर और जनताना सरकार के सदस्य तो हैं, लेकिन बडे़ लीडरों ने अब तक आत्मसमर्पण नहीं किया है।