एसीबी ने पेश नहीं किया चालान, रिश्वतखोर बाबू को मिली जमानत
बिलासपुर। एंटीकरप्शन ब्यूरो की टीम ने नियत समय में चार्जशीट पेश नहीं की। इसके चलते आरोपी क्लर्क को कोर्ट से जमानत मिल गई। उसने शिक्षाकर्मी का वेतन निकालने के लिए 12 सौ रुपये रिश्वत ली थी।
लोरमी के बैगाकापा निवासी 31 वर्षीय गोरेलाल साहू पुत्र पीआर साहू शिक्षाकर्मी वर्ग-2 के पद पर कार्यरत है। इससे पहले वह लोरमी ब्लाक में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 था। प्रमोशन के बाद उसे पथरिया ब्लाक के उमरिया स्थित मिडिल स्कूल में पोस्टिंग दी गई। पोस्टिंग के बाद से उसे अगस्त व सितंबर माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया है। लिहाजा, उसने पहले बीईओ से संपर्क किया और आवेदनपत्र प्रस्तुत किया। तकरीबन पांच बार आवेदनपत्र देने के बाद भी वेतन नहीं मिलने पर उसने सरकंडा निवासी खंड लिपिक सहायक ग्रेड-2 अग्निकुमार मैत्री से मुलाकात की, जिस पर उसने वेतन निकालने के लिए तीन हजार रुपये की मांग की।
इस पर उसने 27 जनवरी को एंटीकरप्शन ब्यूरो की टीम से मामले की शिकायत कर दी। इसके बाद एसीबी की टीम ने आरोपी क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई और गोरेलाल को केमिकलयुक्त नोट देकर भेजा। बीईओ ऑफिस पहुंचकर गोरेलाल ने आरोपी लिपिक अग्निकुमार मैत्री को जैसे ही रकम दी, एसीबी की टीम भी वहां पहुंच गई और उसे पकड़ लिया। मैत्री के खिलाफ धारा 7-13, 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया। दूसरे दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। लंबे समय बाद भी एसीबी की टीम इस मामले में जांच नहीं कर पाई। आलम यह है कि अब तक कोर्ट में चालान पेश नहीं हो सका है। लिहाजा, इसका लाभ आरोपी को मिला। बुधवार को कोर्ट ने उसकी जमानत आवेदन पर सुनवाई करते हुए चालान पेश नहीं होने के कारण आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।