मानव अधिकार न्यायालय नहीं खोलने पर आरजी को नोटिस
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में मानव अधिकार न्यायालय नहीं खोलने के खिलाफ पेश जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, मुख्य सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एसोसिएशन ऑफ सीनियर सिटीजन एडवोकेट्स के अध्यक्ष अधिवक्ता एसके वर्मा एवं रजनी सोरेन ने राज्य में मानव अधिकार न्यायालय की स्थापना की मांग को लेकर जनहित याचिका पेश की है। उनका कहना है कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 30 में प्रावधान है कि चीफ जस्टिस के परामर्श पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में मानव अधिकार न्यायालय की स्थापना की जानी है। अधिनियम के पारित होने के 20 वर्ष बाद भी इसकी स्थापना नहीं हुई है। तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश में इसकी स्थापना कर दी गई है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली ने वर्ष 2001-2002 के अपने प्रतिवेदन में आम जनता के हित एवं सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इस न्यायालय की तत्काल स्थापना की अनुशंसा की है। याचिका में सभी न्यायालयों में धारा 31 के तहत विशेष लोक अभियोजक के पद पर स्थानीय व्यक्तियों की नियुक्ति करने की मांग की गई है। इससे स्थानीय जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा।