भाजपा छत्तीसगढ़ छोड़ो आंदोलन 9 अगस्त से
राजनांदगांव, [ब्यूरो]। अंग्रेजों भारत छोड़ो की तरह कांग्रेस प्रदेश में 9 अगस्त से भाजपा छत्तीसगढ़ छोड़ो का आंदोलन छेड़ेगी। यह पार्टी का राजनीतिक कार्यक्रम होगा। इससे पहले कांग्रेस द्वारा चार अलग-अलग स्थानों से माटी कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा राजनीतिक न होकर जीरम घाटी में नक्सली हमले में शहीद कांग्रेसजनों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही संकल्प लेने के लिए है। इसकी शुरआत 4 जुलाई से वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल के राजिम क्षेत्र से की जाएगी। पूर्व विधायक उदय मुदलियार और अलानूर भिंडसरा को श्रद्धांजलि देने कलश यात्रा 7 जुलाई को डोंगरगढ़ से और 11 जुलाई को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के गृहग्राम नंदेली से निकलेगी। बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा की कलश यात्रा दंतेवाड़ा से मौसम खुलते ही शुरू करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री चरणदास महंत ने शुक्रवार क यहां प्रेस से चर्चा के दौरान यह बतायेा। उन्होने कहा कि 25 मई को दरभा घाटी में कांग्रेस परिवार के नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार ने बलिदान दिया है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। इस घटना से पूरा कांग्रेस परिवार दुखी है। घटना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने प्रदेश में आकर संबल प्रदान किया। महंत ने बताया कि कलश यात्रा सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। उन्होंने बताया कि भाजपा छत्तीसगढ़ छोड़ो आंदोलन जगदलपुर या राजधानी से आरंभ करेंगे। इन दोनों ही यात्राओं के लिए जिम्मेदारी सौंपने प्रदेश कांग्रेस की बैठक 29 जुलाई को रायपुर में आयोजित की गई है। इसमें परिवर्तन यात्रा पर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त का महीना खेती-किसानी का है। इसलिए इसे 15 अगस्त के बाद शुरू करेंगे। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा 34 विधानसभा क्षेत्रों में शेष है। कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष के मुताबिक यह यात्रा दिवंगत नंदकुमार पटेल ने शुरू की थी। इस यात्रा को पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि स्व. पटेल ने जिस उद्देश्य से यह यात्रा शुरू की थी। उसी उद्देश्य से इसे आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर करना, केन्द्र की योजनाओं की जानकारी देना, छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाए रखना और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए है।
केशकाल के चुनाव परिणाम को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि वे इसे जनादेश नहीं मानते। वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल की तेरहवीं होने तक 24 जून तक कांग्रेस शोक में थी। फलस्वप इस चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया। कांग्रेस के साथियों ने वहां काम नहीं किया। जिला कांग्रेस कमेटी ने जिस प्रत्याशी को टिकट देने की सिफारिश की थी। उसे टिकट दे दिए वहां निर्दलीय प्रत्याशी कैसे खड़ा हुआ, हारे क्यों इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि हार को स्वीकार करते हैं। चुनाव के दौरान नक्सली हमले भी हुए। तीन मतदान केन्द्रों पर कांग्रेस को 61 और निर्दलीय को 497 मत प्राप्त हुए। यह परिणाम चौंकाने वाला है। दरभा की घटना के बाद इसकी समीक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव बस्तर क्षेत्र में शांतिपूर्ण हो इसके लिए चुनाव आयोग से निवेदन किया है पूरे चुनाव के दौरान कैमरे लगाने, मतपेटी की सुरक्षा और चुनाव निर्विघ्न पूरा कराने सभी सुविधाएं दी जाए। एक अन्य सवाल के जवाब में महंत ने कहा कि कांग्रेस के शहीद नेताओं के परिजनों को भृत्य की नौकरी का प्रस्ताव देने पर पार्टी ने विरोध किया था। यह कार्रवाई शासन का दिवालियापन हैं और शहीद परिवार का अपमान है। महंत ने कहा कि सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के साथ धोखा किया है। कांग्रेस महापौर और पार्षद आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री को आइना दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि संगठन में पटेल के साथ जो पदाधिकारी थे, वहीं काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे पटेल के अधूरे कामों को पूरा करेंगे। कांग्रेस के लिए शहीद हुए परिवारों को पूरा संरक्षण दिया जाएगा। उन परिवारों द्वारा टिकट की मांग करने पर उन्हें चुनाव लड़ने टिकट भी दिया जाएगा। इस मौके पर पूर्व सांसद देवव्रत सिंह, जिले के लोकसभा प्रभारी अरुण वोरा, विधायक गुरमुख सिंह होरा, कांग्रेस सचिव सीजू एंथोनी, महापौर नरेश डाकलिया व कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विनोद गोस्वामी भी उपस्थित थे।
मुदलियार के परिजनों से मिले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ महंत ने पूर्व विधायक उदय मुदलियार के निवास जाकर अलका मुदलियार, पुत्र जितेन्द्र मुदलियार से एकांत में राजनीतिक चर्चा की। इसके पूर्व उन्होने वरिष्ठ नेताओं के साथ जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। पश्चात अकेले परिजनों से बैठकर बातचीत की।
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