सीबीआई के सामने आए पीड़ित आदिवासी
जगदलपुर। सुकमा जिले के ताड़मेटला सहित तीन गांवों में दो साल पहले हुई आदिवासियों के मकान जलाने की घटना की जांच के लिए सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो मंगलवार रात जगदलपुर पहुंची। जांच दल में दस सदस्य हैं। सीबीआई आगजनी से पीड़ित परिवारों का बयान लेगी।
बयान देने के लिए ताड़मेटला व तिम्मापुर के 31 पीड़ित ग्रामीण जगदलपुर पहुंचे हैं, जिन्हें शहर में ही किसी अज्ञात स्थान पर ठहराया गया है। सीबीआई यहां 21 मई तक रुककर पीड़ितों का बयान लेगी। बताया जाता है कि मोरपल्ली के ग्रामीण बयान देने एक दो दिन में जगदलपुर पहुंचेंगे। आगजनी की जांच के सिलसिले में सीबीआई का यह चौथा बस्तर दौरा है। सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच कर रही है। इसके पूर्व 14-15 अप्रैल 2013 को सीबीआई ग्रामीणों का बयान लेने सुकमा गई थी, लेकिन कोई भी जांच में सहयोग करने सामने नहीं आया था।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2011 में सुकमा जिले के कोंटा तहसील के ग्राम तिम्मापुर में 11, मोरपल्ली में 14 और ताड़मेटला में 16 तारीख को आगजनी की घटना हुई थी। इन घटनाओं में 289 मकान जलकर खाक हुए थे। ग्रामीणों ने आगजनी के लिए फोर्स व सलवा जुडूम से जुड़े एसपीओ पर आरोप लगाया था। वहीं सलवा जुडूम व फोर्स ने इसे नक्सलियों की करतूत बताया है। इस घटना के दस दिन बाद प्रभावित गांवों में स्थिति देखने जा रहे स्वामी अग्निवेश के काफिले पर 26 मार्च 2011 को दोरनापाल में ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। जिसके बारे में बताया जाता है कि हमला करने वाले कैंपों में रह रहे सलवा जुडूम के लोग थे। सीबीआई तो जांच कर ही रही है, राज्य सरकार भी टीएमटीडी घटना की विशेष न्यायिक जांच करवा रही है। न्यायिक जांच आयोग में करीब 50 ग्रामीण बयान दर्ज करा चुके हैं। आयोग की जांच अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
सर्किट हाउस की सुरक्षा कड़ी
सीबीआई का दल पुराने सर्किट हाउस में रुका है। इसके सभी कमरे सीबीआई के लिए आरक्षित हैं। पूरे परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ग्रामीणों को ही वहां बयान के लिए जाने की अनुमति है। मीडिया को पूरी तरह उनसे दूर रखा गया है।
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