तहसीलदार को दस हजार रुपये अर्थदंड
महासमुंद। सूचना के अधिकार के तहत नियत समय 30 दिवस के भीतर जानकारी नहीं देने वाले महासमुंद तहसीलदार व पदेन जनसूचना अधिकारी पर राज्य सूचना आयुक्त एसके तिवारी ने 10 हजार रुपये शास्ति अधिरोपित किया है। इसके साथ ही तहसील कार्यालय के प्रथम अपीलीय अधिकारी एसडीएम के लिपिक द्वारा प्रथम अपीलीय आवेदन नहीं लेने के लिए दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर एक महीने के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने एसडीएम को निर्देशित किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में गत दिनों पारित आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए स्थानीय निवासी चरणजीत सिंह चावला ने बताया कि राज्य सूचना आयोग की कार्रवाई से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। इसके पहले वे खुद की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों का चक्कर काटते थक चुके हैं। कलेक्टर के द्वारा अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित करने के बावजूद तहसीलदार और एसडीएम कार्रवाई करने में हीलाहवाला करते रहे हैं। अब जानकारी देने में भी कोताही बरतने का खामियाजा तहसीलदार को भुगतना होगा
ये है मामला
महासमुंद स्टेशन रोड निवासी चरणजीत सिंह चावला ने 30 अगस्त 2012 को जनसूचना अधिकारी तहसील कार्यालय महासमुंद के समक्ष तीन बिंदुओं में जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पेश किया। जनसूचना अधिकारी ने नियत 30 दिन में कोई कार्रवाई नहीं की और न ही आवेदन का जवाब दिया।
बाद प्रथम अपील के लिए एसडीएम व प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन देने पहुंचा तो संबंधित लिपिक ने अपीलीय आवेदन लेने से इंकार कर दिया। इस पर चावला ने 15 अक्टूबर को कलेक्टर से इसकी लिखित शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने नियमानुसार समुचित कार्रवाई करने के निर्देश के साथ शिकायत पत्र को एसडीएम को भेजा। बावजूद न तो सुनवाई की गई और न ही कोई आदेश पारित किया गया।
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