FPI के तहत खरीदे गए शेयरों की कीमत में आया उछाल
जून 2021 में समाप्त हुई तिमाही में FPI के तहत खरीदे गए भारतीय शेयरों का मूल्य बढ़कर 592 अरब डॉलर का हो गया जो पिछली तिमाही की तुलना में सात फीसद अधिक है। यह भारतीय शेयर बाजारों के मजबूत प्रदर्शन और FPI में मजबूत नेट फ्लो से संभव हो सका।
नई दिल्ली, पीटीआइ। एक रिपोर्ट के अनुसार जून 2021 में समाप्त हुई पहली तिमाही में Foreign Portfolio Investment (FPI) के तहत खरीदे गये भारतीय शेयरों के मूल्य में बढ़ोतरी देखने को मिली है। जून 2021 में समाप्त हुई तिमाही के दौरान FPI के तहत खरीदे गए भारतीय शेयरों का मूल्य बढ़कर 592 अरब डॉलर का हो गया है, जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में सात फीसद अधिक है। ऐसा माना जा रहा है कि यह काफी हद तक लगातार जारी भारतीय शेयर बाजारों के मजबूत प्रदर्शन के साथ-साथ FPI में मजबूत नेट फ्लो की वजह से संभव हो सका है।
इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि, "जून 2021 में समाप्त हुई पहली तिमाही के दौरान भारतीय शेयरों में FPI निवेश के मूल्य में सात फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसके बाद भारतीय शेयरों में FPI निवेश का मूल्य बढ़कर 592 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछली तिमाही में दर्ज 552 अरब डॉलर से काफी अधिक है। एक साल पहले जून 2020 की तिमाही के दौरान भारतीय शेयरों में FPI के निवेश का मूल्य 344 अरब डॉलर था।"
हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों के कुल पूंजीकरण में विदेशी निवेशकों के योगदान में मामूली रूप से कमी भी दर्ज की गई है। मार्च के महीने में घरेलू बाजारों के कुल पूंजीकरण में विदेशी निवेशकों का कुल योगदान 19.9 फीसद का था, जो कि जून में समाप्त हुई तिमाही के दौरान मामूली रूप से घटकर 19.1 फीसद का रह गया था।
ऑफशोर म्यूचुअल फंड और अन्य बड़े FPI जैसे कि ऑफशोर बीमा कंपनियां, हेज फंड और सॉवरेन वेल्थ फंड कुल विदेशी पोर्टफोलियो निवेश का एक महत्वपूर्ण घटक है। जून 2021 को समाप्त हुई तिमाही के दौरान FPI में कुल 0.68 अरब डालर की शुद्ध खरीदारी हुई थी, जबकि मार्च 2021 के दौरान समाप्त हुई तिमाही में 7.64 अरब डॉलर का नेट फ्लो देखा गया था।