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प्रोडक्शन लिक्ड इंसेंटिव का दिखने लगा असर: इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी

इलेक्ट्रानिक्स आइटम के लिए वर्ष 2020 के मार्च महीने में ही पीएलआई की घोषणा कर दी गई थी। इसलिए इस स्कीम के तहत उत्पादन व निर्यात शुरू हो चुका है। इलेक्ट्रानिक्स आइटम के निर्माताओं को इंसेंटिव मिलना भी शुरू हो गया है।

By Piyush KumarEdited By: Published: Mon, 25 Jul 2022 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2022 08:02 PM (IST)
इलेक्ट्रानिक्स आइटम के निर्माताओं को इंसेंटिव मिलना शुरू हो गया है। (फाइल फोटो)

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के निर्यात में प्रोडक्शन लिक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का असर दिखने लगा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वस्तुओं के कुल निर्यात में 24.5 फीसद की बढ़ोतरी रही, लेकिन इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के निर्यात में पहली तिमाही की औसत बढ़ोतरी दर 57 फीसद रही। मासिक आधार पर भी इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का निर्यात बढ़ रहा है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात में अच्छा प्रदर्शन करने वाले इंजीनियरिंग गुड्स व फार्मा जैसी कई वस्तुओं के निर्यात की बढ़ोतरी दर कम होती दिख रही है। इलेक्ट्रानिक्स व आईटी मंत्रालय के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 1,16,894 करोड़ रुपए का इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का निर्यात किया गया जो वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 42 फीसद अधिक है। सरकार अब तक दर्जन भर से अधिक वस्तुओं के उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा कर चुकी है।

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इलेक्ट्रानिक्स आइटम के निर्माताओं को इंसेंटिव मिलना हो गया शुरू

इलेक्ट्रानिक्स आइटम के लिए वर्ष 2020 के मार्च महीने में ही पीएलआई की घोषणा कर दी गई थी। इसलिए इस स्कीम के तहत उत्पादन व निर्यात शुरू हो चुका है। इलेक्ट्रानिक्स आइटम के निर्माताओं को इंसेंटिव मिलना भी शुरू हो गया है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक इन निर्माताओं को 1781.02 करोड़ रुपए के इंसेंटिव भी दिए जा चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के निर्माण व निर्यात के लिए 314 यूनिट की स्थापना की मंजूरी दी गई थी। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 271 यूनिट ने अब तक 31,416 करोड़ रुपए का निवेश किया है और इन 271 यूनिट में से 233 यूनिट में उत्पादन शुरू हो चुका है।पीएलआई स्कीम से उत्पादन लागत कम हो जाती है जिससे निर्यात करना आसान हो जाता है।

मोबाइल फोन के उत्पादन में हुआ इजाफा

यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष के मई में इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं के निर्यात में 47.37 फीसद तो जून में 60.70 फीसद का इजाफा रहा। जबकि इंजीनिय¨रग वस्तुओं के निर्यात में मई में 12 फीसद तो जून में मात्र 3.02 फीसद की बढ़ोतरी रही। फार्मा निर्यात में भी इस साल मई में 10.28 फीसद तो जून में 4.83 फीसद की बढ़ोतरी रही।इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं की पीएलआई स्कीम की वजह से मोबाइल फोन के उत्पादन में भी भारत में भारी बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन के उत्पादन में वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 27.15 फीसद का इजाफा रहा जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में मोबाइल फोन के निर्माण में वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 126.11 फीसद की बढोतरी दर्ज की गई।


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