IPO लिस्टिंग डेट में Sebi ने किया बदलाव, निवेशकों को होगा ये फायदा
अगर आप भी आईपीओ में निवेश करते हैं तो आपके लिए यह जानकारी जरूरी होने वाली है। सेबी ने आईपीओ के बाद शेयर बाजार में शेयरों की लिस्टिंग डेट में बदलाव किया है। सेबी ने कहा की इस फैसले से आईपीओ जारीकर्ता और निवेशक दोनों को फायदा होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: आईपीओ के बाद शेयर बाजार पर शेयर की लिस्टिंग डेट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इनिशियल पब्लिक ऑफिरिंग (आईपीओ) के बंद होने के बाद शेयर बाजारों में शेयरों की लिस्टिंग के लिए लगने वाले समय में कटौती करने का एलान किया है।
लिस्टिंग में तीन दिनों की कटौती
सेबी ने कहा कि शेयर की लिस्टिंग वर्तमान में आईपीओ बंद होने के बाद छह दिनों में होती है जिसे अब घटाकर तीन दिनों का करने का प्रस्ताव दिया गया है। सेबी ने कहा की शेयर की लिस्टिंग डेट में कमी से शयेर जारीकर्ता और निवेशक दोनों को फायदा होगा।
सेबी ने कहा कि जारीकर्ता की पूंजी तक तेजी से पहुंच होगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और निवेशकों को अपने निवेश की शुरुआती क्रेडिट और तरलता का अवसर मिलेगा।
2018 में बना था 6 दिनों का नियम
बाजार नियामक सेबी ने नवंबर 2018 में, खुदरा निवेशकों के लिए अवरुद्ध राशि द्वारा समर्थित एप (ASBA) द्वारा एक अतिरिक्त भुगतान तंत्र के रूप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की शुरुआत की और इश्यू (T+6) के बंद होने के छह दिनों के भीतर लिस्टिंग के लिए समय सीमा निर्धारित की थी। T का मतलब वो दिन जिस दिन आईपीओ बंद हुआ था।
हितधारकों की सुरक्षा के लिए फैसला
पिछले कुछ वर्षों में, सेबी ने यह सुनिश्चित किया है कि सार्वजनिक मुद्दों में शामिल गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के लिए आईपीओ पारिस्थितिकी तंत्र के सभी प्रमुख हितधारकों में प्रणालीगत श्रृंखला शुरू की गई है जो लिस्टिंग समयसीमा को T+6 से T+3 करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
सेबी ने जनता से मांगा सुझाव
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने लिस्टिंग के तारिख को घटाने के प्रस्ताव को लेकर 3 जून तक जनता से राय मांगी है। सेबी ने यह निर्णय सभी हितधारकों जैसे स्टॉक एक्सचेंजों, प्रायोजक बैंकों, एनपीसीआई, डिपॉजिटरी और रजिस्ट्रार सहित सभी हितधारकों द्वारा व्यापक बैक-टेस्टिंग और सिमुलेशन करने के बाद लिया है।