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52 फीसद तक महंगा हो गया Edible oil, जानें दूसरी चीजों के दाम कितने बढ़े

Mehnga edible oil खाने के तेल की कीमतों (Edible oil Prices) में जुलाई में जबर्दस्‍त उछाल आया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 में जुलाई 2020 की तुलना में 52 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 09:06 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 07:25 AM (IST)
52 फीसद तक महंगा हो गया Edible oil, जानें दूसरी चीजों के दाम कितने बढ़े
राज्यसभा में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह जानकारी दी। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। खाने के तेल की कीमतों (Edible oil Prices) में जुलाई में जबर्दस्‍त उछाल आया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 में जुलाई 2020 की तुलना में 52 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। राज्यसभा में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि सरकार ने Covid 19 महामारी के मद्देनजर दलहन, खाद्य तेल जैसे जरूरी खाने के चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मूंगफली तेल की औसत मासिक खुदरा कीमत में जुलाई के दौरान, बीते साल की समान अवधि की तुलना में 19.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

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27 जुलाई 2021 तक के हैं आंकड़े

जुलाई में सरसों के तेल में 39.03 प्रतिशत, वनस्पति में 46.01 प्रतिशत, सोया तेल में 48.07 प्रतिशत, सूरजमुखी के तेल में 51.62 प्रतिशत और पाम तेल की कीमतों में 44.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ताजा आंकड़े 27 जुलाई 2021 तक के हैं।

सरकार ने ड्यूटी में कटौती की

चौबे ने कहा कि खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए, कच्चे पाम तेल (CPO) पर शुल्क में 30 जून 2021 से 30 सितंबर 2021 तक 5 प्रतिशत की कटौती की गई है। इस कमी ने सीपीओ पर प्रभावी कर की दर को पहले के 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, रिफाइंड पाम तेल / पामोलिन पर शुल्क 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया गया है।

70 प्रतिशत आयात करता है भारत

उन्होंने कहा कि रिफाइंड ब्लीच्ड डियोडोराइज्ड (RBD) पाम तेल और आरबीडी पामोलिन के लिए एक संशोधित आयात नीति 30 जून, 2021 से लागू की गई है, जिसके तहत इन वस्तुओं को प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया है। भारत अपनी कुल खाद्य तेलों की जरूरत का लगभग 60-70 प्रतिशत आयात करता है।


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