Stay Home Stay Empowered: जानें लॉकडाउन में कैसे करें मनी मैनेजमेंट और बनाएं वित्तीय योजना
विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को अब अपनी बचत बढ़ाने और खर्च घटाने पर ध्यान देना होगा। ऐसे में नए सिरे से आर्थिक प्लानिंग और मनी मैनेजमेंट करना समय की जरूरत है।
नई दिल्ली, विनीत शरण। कोविड 19 और लॉकडाउन के इस दौर में बाजार बदल रहा है। लोगों को अपनी वित्तीय स्थिति की भी चिंता है। चारों ओर अनिश्चित्ता का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को अब अपनी बचत बढ़ाने और खर्च घटाने पर ध्यान देना होगा। ऐसे में नए सिरे से आर्थिक प्लानिंग और मनी मैनेजमेंट करना समय की जरूरत है। निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि ये आपात स्थिति है। इसलिए बहुत जरूरी खर्च ही करें। बेवजह खर्च करने से बचना चाहिए। आइए जानें लॉकडाउन में मनी मैनेजमेंट के लिए और क्या-क्या करें।
1. डिजिटल हो जाएं
बैंक संबंधी सभी काम ऑनलाइन और डिजिटल तरीके से करें। इससे आप बार-बार एटीएम और बैंक जाने से बचेंगे, जिससे संक्रमण की आशंका भी कम होगी।
2. गैर जरूरी सामान न खरीदें
किसी डर से परेशान होकर ढेर सारे सामान नहीं खरीदें। इससे गैर-जरूरी खर्च नहीं होगा। सिर्फ वही सामान खरीदें, जो आपके रोजमर्रा के जीवन के लिए जरूरी है।
3. ईएमआई का भुगतान करें या नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं तो आपको भुगतान जारी रखना चाहिए। ईएमआई न देने के नियमों का लाभ उन्हें ही उठाना चाहिए, जो किसी वजह से भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। हां, अगर एसआईपी और म्यूचुअल फंड का निवेश रोकना चाहते हैं तो याद रखें ये तुरंत नहीं होता है। एसआईपी रोकने में 15 से 30 दिन का समय लगता है। हालांकि विशेषज्ञ एसआईपी में निवेश जारी रखने की सलाह दे रहे हैं।
4. आपातकालीन फंड जरूरी
कम से कम तीन से पांच महीने का आपातकालीन फंड आपके पास होना चाहिए। इसमें महीने का पूरा खर्च और ईएमआई शामिल हैं। अपने पास कुछ नगदी और बैंक में भी पैसे रखने का प्रयास करें। जून में स्कूल खुलेंगे तो बच्चों की फीस के लिए भी अच्छी रकम लगेगा। जितेंद्र सोलंकी ने सलाह दी है कि आपातकालीन फंड न हो तो अपने निवेश को कुछ समय के लिए रोक सकते हैं।
5. हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें
जितेंद्र सोलंकी ने सलाह दी है कि अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं। कंपनी के हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा आपकी एक निजी हेल्थ पॉलिसी भी होनी चाहिए। ये प्लान कम से कम पांच लाख का होना चाहिए। कंपनी इस वक्त विशेष इंश्योरेंस प्रोडक्ट लेकर आ रही हैं।
6. बैंकिंग और टैक्स संबंधी कागजात व्यवस्थित करें
अपनी बैंकिंग और टैक्स संबंधी कागजात को अपडेट और व्यवस्थित कर लें। अपने सारे कागजात को एक जगह एकत्रित कर लें। अपने सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन अकाउंट नंबर और पासवर्ड एकत्रित कर लें। पुराने और गैर जरूरी अकाउंट स्टेटमेंट को हटा दें। टैक्स के लिए आपके पास थोड़ा समय है, क्योंकि टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट के लिए 30 जून तक का समय मिल गया है। अगर पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है तो उसके लिए भी 30 जून तक का समय मिला है।
7. शार्ट टर्म वित्तीय लक्ष्य बनाएं
यह घर बैठकर अपने खर्च के विश्लेषण करने का अच्छा समय है। विशेषज्ञों के मुताबिक, निवेश और खर्च को लेकर अब शार्ट टर्म गोल बनाने चाहिए। अपनी वित्तीय योजना को महीने, छह महीने और एक साल के हिसाब से प्लान करने के बाद ही किसी लॉन्ग टर्म गोल की ओर बढ़ें।
8. निवेश का फैसला
निवेश को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि इस वक्त नए निवेश करने से बचें। अगर निवेश करते भी हैं तो अच्छे निवेश परामर्शदाता से सलाह लें। वहीं दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि इस वक्त शेयर निचले स्तर पर है, इसलिए निवेश कर सकते हैं।
नए सिरे से जीवन के लक्ष्य और वित्तीय योजना बनाएं
-अपने बैंक अकाउंट, डिमेट अकाउंट, म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस पॉलिसी को खंगालें।
-अपनी आर्थिक प्राथमिकता और लक्ष्य को नए सिरे से निर्धारित करें।
-आपको तय करना होगा कि बदले माहौल में कितने रुपये में महीने का खर्च चला सकते हैं।
-देखें कि आप पर कितना कर्ज है और आपके पास कितना निवेश है। कैश कितना है।
-देखें कि आपके कौन से खर्च बढ़े हैं और कौन से खर्च घटे हैं।
-इसके चलते मॉल और सिनेमा हॉल में खर्च होने वाला पैसा भी बच रहा होगा।
-लॉकडाउन के चलते ऑफिस और स्कूल आने-जाने का खर्च बंद हो गया है।
-योजना बनाएं कि ज्यादा खर्च हुए पैसे को आप कैसे मैनेज करेंगे।