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ITR फाइलिंग: जानिए 31 जुलाई से पहले रिटर्न भरना क्यों है फायदेमंद

आमतौर पर करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वो समय पर ही अपना आईटीआर फाइल कर लें वर्ना बाद में उन्हें परेशानी का सामना उठाना पड़ सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 08:26 AM (IST)
ITR फाइलिंग: जानिए 31 जुलाई से पहले रिटर्न भरना क्यों है फायदेमंद
ITR फाइलिंग: जानिए 31 जुलाई से पहले रिटर्न भरना क्यों है फायदेमंद

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई 2019 निर्धारित है। व्यक्तिगत करदाता या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के सदस्य जिनकी आय 5 लाख से ज्यादा है और वो रिफंड क्लेम करना चाहते हैं उन्हें हर हाल में 31 जुलाई 2018 तक आईटीआर फाइल करना होगा।

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आमतौर पर करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वो समय पर ही अपना आईटीआर फाइल कर लें, वर्ना बाद में उन्हें परेशानी का सामना उठाना पड़ सकता है। ऐसा न करने पर उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि आपको 31 जुलाई से पहले अपना आईटीआर क्यों फाइल कर लेना चाहिए।

31 जुलाई 2018 तक नहीं भरा ITR तो क्या?

  • ऐसा न करने की सूरत में आपको दो बड़े नुकसान होंगे। पहला यह कि आपको पेनाल्टी का भुगतान करना होता और साथ ही आपकी यह पेनाल्टी किसी भी सूरत में आपको आईटीआर दाखिल करने पर वापस नहीं होगी।
  • अगर आप भूल वश या जानबूझकर 31 जुलाई 2018 तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको पेनाल्टी का भुगतान करना होगा जो कि अवधि के दौरान अलग अलग हो सकता है। यह पेनाल्टी आप पर आयकर की धारा 234F के अंतर्गत लगाई जाएगी।
  • अगर आपकी आय पांच लाख तक या उससे कम है और आप 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको 1000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी।
  • वहीं 5 लाख से ज्यादा आय होने की सूरत में 31 जुलाई से एक दिन की देरी पर भी आपको 5,000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। हालांकि आपको इस सूरत में 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न फाइल ही करना होगा।
  • अगर आप अपना आईटीआर 1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक भरते हैं तो आपको 10,000 रुपये बतौर पेनाल्टी देने होंगे।

पेनाल्टी के साथ आपको देना होगा इंटरेस्ट: वहीं आपको यह बात भी मालूम होनी चाहिए कि यह पेनाल्टी किसी भी सूरत में आपको वापस नहीं की जाएगी। पेनाल्टी पर लगने वाला इंटरेस्ट (ब्याज) आयकर की धारा 234 A के अंतर्गत वसूला जाता है जो कि एक फीसद होता है। उदाहरण से समझिए।

मान लीजिए आपको 11,000 रुपये बतौर कर का भुगतान करना हो तो आपको इसका एक फीसद यानी 110 रुपये पेनाल्टी के साथ इंटरेस्ट भी देना होगा। यानी 31 जुलाई के बाद आपको पेनल्टी और उस पर ब्याज के भुगतान के साथ अपना आईटीआर दाखिल करना होगा।

रिफंड की प्रोसेसिंग होगी तेज: इनकम टैक्स रिफंड की प्रोसेसिंग फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर होती है। जैसे ही आप आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया पूरी करते हैं, आयकर विभाग वित्त वर्ष के लिए आपकी कर देयता का पता लगा लेता है और अगर कोई रिफंड रह जाता है तो उसी अनुसार प्रोसेस कर दिया जाता है। वहीं अगर आप 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको रिफंड देर से मिलेगा।

रिफंड पर मिलेगा पूरा ब्याज: 31 जुलाई की डेडलाइन से पहले आईटीआर फाइल करने पर आप रिफंड पर पूरा ब्याज भी पा सकते हैं। आयकर की धारा 244A के अंतर्गत टैक्स पेयर्स आकलन वर्ष के अप्रैल महीने की पहली तारीख से ही हर माह रिफंड पर 0.5 फीसद का ब्याज पाने के हकदार होते हैं।

आईटीआर में सुधार करने का पर्याप्त मौका: अगर आप 31 जुलाई की डेडलाइन से काफी पहले अपना आईटीआर फाइल कर लेते हैं तो आपके पास किसी भी गलती को सुधारने का मौका रहता है। इसलिए कोशिश करें कि आखिरी समय का इंतजार न कर समय से पहले अपना आईटीआर फाइल कर दें।


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