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ITR 2018: रिटर्न फाइलिंग की जल्दबाजी में इन फेक आईडी से रहें सावधान

आयकर विभाग की इस फेक ईमेल आईडी से सावधान रहें, आपका बैंक खाता हैक हो सकता है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 05:18 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 06:51 AM (IST)
ITR 2018: रिटर्न फाइलिंग की जल्दबाजी में इन फेक आईडी से रहें सावधान
ITR 2018: रिटर्न फाइलिंग की जल्दबाजी में इन फेक आईडी से रहें सावधान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है। इसके साथ ही करदाताओं को ठगने के नये-नये तरीके भी निकाले जा रहे है। मौजूदा समय में एक ऐसा ई-मेल सर्कुलेट किया जा रहा है, जिसमें सेंडर का मेल आयकर विभाग की आधिकारिक ई-मेल आईडी से मेल खाता है।

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आपको बता दें कि आयकर विभाग की आधिकारिक मेल आईडी- donotreply@incometaxindiaefiling.gov.in ये है जबकि जिस आईडी से स्पैम मेल भेजा जा रहा है वह donotreply@incometaxindiafilling.gov.in है। अगर आपने गौर किया हो तो इस आईडी में ‘E’ नहीं है और एक ‘L’ की जगह दो ‘LL’ का इस्तेमाल किया गया है।

हैकर्स कर रहे हैं इस मेल को सर्कुलेट

हालांकि विभाग की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन चार्टेड एकाउंटेंट और टैक्स रिटर्न प्रिपेयर्स (टीआरपी) व्हाट्सएप मैसेज के जरिए लोगों को आगाह कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि मैसेज जिस ई-मेल का जिक्र किया है उसमें, “जारी किये जाने वाले रिफंड और टैक्स की गणना में दिक्कत है” लिखा है। मेल में एक लिंक भी दिया है जिसे क्लिक करते ही नेटबैंकिंग का पेज खुल जाएगा। इसमें लॉग इन करने पर आपका बैंक एकाउंट हैक कर लिया जाएगा।

टीआरपी का कहना है कि करदाता आयकर रिटर्न फाइल करते समय अपनी बैंक खाते की जानकारी का उल्लेख करते हैं, इसलिए इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि विभाग इस तरह की जानकारी की फिर से मांग करे। अगर रिफंड बकाया है को इस स्थिति में विभाग एक नोटिस जारी करता है। अगर बदलाव की जरूरत होती है तो रिफंड जारी करने से पहले एक रेक्टिफिकेशन फॉर्म भरना जरूरी होता है। रिफंड सीधा करदाताओं के बैंक खाते में भेज दिया जाता है।

गौरतलब है कि अगर आप हर साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको लोन लेने में आसानी हो सकती है। आईटीआर आपकी आमदनी का प्रूफ होता है और निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंक इसे प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं। आमतौर पर बैंक लोन देने से पहले इसकी मांग करते हैं। साथ ही अगर आपके नियोक्ता ने आपकी सैलरी से ज्यादा टीडीएस की कटौती कर दी है तो आप इस अतिरिक्त राशि के लिए आयकर रिटर्न फाइलिंग में क्लेम भी कर सकते हैं। आपको अतिरिक्त कटौती की राशि वापस कर दी जाएगी।


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