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DATA STORY: भारतीय कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चीजों में अधिक करने लगे निवेश

यू गॉव के सर्वे के अनुसार भारत में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में अधिक निवेश करने लगे हैं। रिपोर्ट केअनुसार 28 फीसद लोगों का कहना है वह लाइफ इंश्योरेंस में निवेश करते हैं तो 25 फीसद लोगों का कहना है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने लगे हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 06:41 PM (IST)
DATA STORY: भारतीय कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चीजों में अधिक करने लगे निवेश
इस दौर में निवेश का तरीका भी बदला है। लोग अलग-अलग माध्यमों में निवेश को प्राथमिकता देने लगे है।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दुनिया भर में लोगों के जीवन जीने के तरीकों में बदलाव हुआ है। इस दौर में लोग डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल करने लगे। यही नहीं लोगों का इस दौर में निवेश का तरीका भी बदला है। लोग अलग-अलग माध्यमों में निवेश को प्राथमिकता देने लगे है। इस बावत यूगॉव ने एक सर्वे किया है।

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यू गॉव के सर्वे के अनुसार भारत में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में अधिक निवेश करने लगे हैं। रिपोर्ट केअनुसार 28 फीसद लोगों का कहना है वह लाइफ इंश्योरेंस में निवेश करते हैं तो 25 फीसद लोगों का कहना है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश करने लगे हैं। इस दौर में लोगों के बीच कम जोखिम वाले विकल्प भी काफी लोकप्रिय हुए हैं। सर्वे के अनुसार फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड लोगों के बीच पॉपुलर है। फिक्स्ड डिपॉजिट में 26 फीसद लोग निवेश करना अधिक पसंद करते हैं तो 25 फीसद लोगों ने म्यूचुअल फंड में अधिक निवेश की बात कही है। कम संख्या में भारतीय स्टॉक मार्केट, क्रिप्टोकरेंसी और सोने में निवेश कर रहे हैं।

सर्वे में 39 फीसद लोगों का कहना है कि वह भविष्य में अपना निवेश बढ़ाना चाहते हैं जबकि 29 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वह अपने निवेश की सीमा को समान रखना चाहते हैं। सर्वे में 56 फीसद लोगों ने कहा कि वह अपने परिवार को सिक्योर रखने के लिए निवेश को बढ़ाना चाहते हैं। यही नहीं 41 फीसद लोगों ने यह भी स्वीकारा कि यह समय बाजार में निवेश करने के लिहाज से काफी मुफीद है। वहीं जिन लोगों ने निवेश कम करने की बात कही है उनकी सबसे बड़ी वजह सेलेरी कट है या काम-धंधे में आय का कम होना है।

40 फीसद लोगों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति पहले के मुकाबले खराब हुई है। आधे से अधिक लोगों ने कहा कि उन्हें इस स्थिति से उबरने में छह माह से अधिक का समय लग सकता है। सर्वे में सामने आया कि पीपीएफ और रियल इस्टेट में 10-10 फीसद लोग ही इस दौरान निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। सर्वे में प्रमुख बात यह भी सामने आई कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों ने वित्तीय प्लानिंग को समझा है। इसकी महत्ता पर जोर देने लगे हैं। सर्वे में अधिकतर लोगों ने कहा कि बीते तीन माह में वह किसी न किसी माध्यम में निवेश करने लगे हैं। यूगॉव ने यह सर्वे 18 से 23 जून की अवधि के दौरान किया। 


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