आयकर विभाग ने मौजूदा फेसलेस अपील स्कीम में किया बदलाव, जानें
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 28 दिसंबर को फेसलेस अपील स्कीम 2021 को अधिसूचित किया। बोर्ड ने कहा कि आयुक्त (अपील) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से व्यक्तिगत सुनवाई के अनुरोध की अनुमति देगा और सुनवाई की तारीख और समय को सूचित करेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने मौजूदा फेसलेस अपील स्कीम में बदलाव किया है, जिससे यह प्रक्रिया विभाग द्वारा कर की मांग के खिलाफ अपील करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से व्यक्तिगत सुनवाई के इच्छुक करदाताओं के लिए आसान हो गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 28 दिसंबर को फेसलेस अपील स्कीम 2021 को अधिसूचित किया। बोर्ड ने कहा कि आयुक्त (अपील) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से व्यक्तिगत सुनवाई के अनुरोध की अनुमति देगा और सुनवाई की तारीख और समय को सूचित करेगा।
ऑनलाइन व्यवस्था की समस्या
फेसलेस अपील स्कीम ऑनलाइन व्यवस्था ने व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा रखी थीं। सबसे अधिक दिक्कत ऑनलाइन अपील में आ रही थीं। इसमें करदाताओं को अपना जवाब ऑनलाइन देना होता है। जवाब की फाइल पांच एमबी से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऑनलाइन व्यवस्था में व्यापारी अपना पूरा पक्ष नहीं रख पा रहे थे। इससे कर निर्धारण उनके खिलाफ हो जा रहा था। सीए और कर अधिवक्ता भी इस समस्या से व्यापारियों को निजात नहीं दिला पा रहे थे। पक्ष रखने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा तो उपलब्ध थी, लेकिन सर्वर की समस्या के कारण इसका लाभ व्यापारियों को नहीं मिल रहा था।
इस तरह की सुनवाई अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या वीडियो टेलीफोनी के माध्यम से आयोजित की जाएगी। इसके लिए वह सभी एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर यूज किए जा सकेंगे, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या वीडियो टेलीफोनी को सपोर्ट करते हैं।
हालांकि, इस योजना के तहत किसी भी कार्यवाही के संबंध में किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से आयकर प्राधिकरण के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं होगी। पिछली 'फेसलेस अपील स्कीम 2020 के तहत मौखिक प्रस्तुतियां करने के लिए एक व्यक्तिगत सुनवाई के लिए करदाता के अनुरोध के लिए क्षेत्रीय फेसलेस अपील केंद्र के प्रभारी मुख्य आयुक्त या आई-टी के महानिदेशक की मंजूरी की आवश्यकता होती है। इस तरह की मंजूरी केवल तभी दी गई थी, जब मुख्य आयुक्त या आई-टी के महानिदेशक की राय थी कि निर्दिष्ट परिस्थितियों में व्यक्तिगत सुनवाई की आवश्यकता है।
फेसलेस अपील योजना, जिसका उद्देश्य करदाता और राजस्व विभाग के बीच मानवीय इंटरफेस को हटाना था, 25 सितंबर 2020 को शुरू की गई थी और आयुक्त (अपील) को अपील के लिए पूरी तरह से फेसलेस प्रक्रिया प्रदान की गई थी। इसने करदाताओं को अपने दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक मोड में दाखिल करने की अनुमति दी और इस तरह उन्हें आयकर कार्यालय में फिजिकली प्रजेंट होने से बचाया। इस योजना के तहत किसी भी अधिकारी को अपील बेतरतीब ढंग से आवंटित की गई थी, जिसकी पहचान अपीलकर्ता के लिए अज्ञात रहेगी। अपीलीय निर्णय भी टीम आधारित था।
हालांकि, गंभीर धोखाधड़ी, प्रमुख कर चोरी, संवेदनशील और तलाशी मामले, अंतर्राष्ट्रीय कर, काला धन अधिनियम और बेनामी संपत्ति से संबंधित मामले इस योजना के तहत कवर नहीं किए गए थे। योजना कानूनी उलझनों में चली गई, क्योंकि कई करदाताओं ने व्यक्तिगत सुनवाई की सुविधा से इनकार करने को चुनौती देते हुए अदालतों का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद 28 दिसंबर को फेसलेस अपील योजना 2021 को अधिसूचित किया गया।