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IMF ने कहा: मंदी जैसे हालात में है वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था, सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत

IMF ने कहा है कि ट्रेड बैरियर और भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था मंदी जैसे हालात का सामना कर रही है।

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 09:29 AM (IST)
IMF ने कहा: मंदी जैसे हालात में है वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था, सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत
IMF ने कहा: मंदी जैसे हालात में है वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था, सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत

वाशिंगटन, पीटीआई। तरह-तरह के ट्रेड बैरियर और भू-राजनीतिक चिंताओं के चलते वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था एक ‘सिंक्रोनाइज्ड स्लोडाउन’ के चक्र में फंसी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने वर्ल्‍ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में यह बात कही है। आइएमएफ ने 2019 के लिए ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर का अनुमान घटाकर तीन फीसद कर दिया है। 2008 में आई मंदी के बाद से यह ग्लोबल इकोनॉमी की सबसे कम विकास दर होगी।

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आइएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा, ‘2017 के 3.8 फीसद की तुलना में ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर तीन फीसद पर पहुंचना चिंताजनक है। सिंक्रोनाइज्ड स्लोडाउन और अनिश्चित हालात के कारण ग्लोबल आउटलुक संदिग्ध है। तीन फीसद की विकास दर को देखते हुए नीति निर्माताओं के पास अनदेखी का कोई विकल्प नहीं है। सभी देशों के नीति निर्माताओं को मिलकर कारोबारी एवं अन्य राजनीतिक चिंताओं को दूर करना होगा।’ 

आइएमएफ ने 2020 में ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर 3.4 फीसद रहने का अनुमान जताया है। गोपीनाथ ने कहा कि इस गिरावट के पीछे कुछ कारण काम कर रहे हैं। ऊंचे शुल्क और व्यापार नीतियों पर लंबे समय से अनिश्चितता के माहौल ने निवेश को नुकसान पहुंचाया है। कैपिटल गुड्स की मांग पर भी इससे असर पड़ा है।

ऑटो सेक्टर पर भी यूरो क्षेत्र और चीन में उत्सर्जन के नए मानकों के कारण असर पड़ा है। 2019 की पहली छमाही में ट्रेड वॉल्युम ग्रोथ एक परसेंट रही है, जो 2012 के बाद सबसे कम है। आइएमएफ ने चेताया है कि ब्रेक्जिट के कारण उपजे संकट और कई तरह के ट्रेड बैरियर से सप्लाई चेन और कारोबारियों के भरोसे पर बुरा असर पड़ सकता है। गोपीनाथ ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे भी अब दिखने लगे हैं। अगर समय रहते नहीं निपटा गया, तो भविष्य में इनका भी व्यापक असर देखने को मिल सकता है।

हर ओर सुस्ती का दौर : आइएमएफ का कहना है कि दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर 2019 और 2020 में 1.7 फीसद पर रहने का अनुमान है। वहीं, विकासशील व उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर 2019 में 3.9 फीसद और 2020 में 4.6 फीसद रहने का अनुमान है। यूरो क्षेत्र की विकास दर इस साल 1.2 फीसद और अगले साल 1.4 फीसद रहने का अनुमान है। जर्मन इकोनॉमी की विकास दर मात्र आधा फीसद रहेगी। अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस साल 2.1 फीसद और अगले साल 2.4 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान है।

सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत

आइएमएफ ने भारत की विकास दर का अनुमान भी घटाया है। हालांकि वैश्विक परिस्थिति में भारत कम विकास दर के साथ भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.1 फीसद रखा गया है। इस साल अप्रैल में आइएमएफ ने 7.3 फीसद की विकास दर का अनुमान दिया था। जुलाई में इसे मामूली कम करते हुए विकास दर सात फीसद पर रहने का अनुमान किया गया था। अच्‍छी खबर यह है कि आइएमएफ ने अगले साल भारत की विकास दर सात फीसद रहने का अनुमान जताया है। 


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